दिन ब दिन की इंटरनेट बहसों और खबरिया चैनलों के रंगमंच पर संक्षिप्त टिप्पणी.
सबसे पहले न्यूज़लॉन्ड्री के सब्सक्राइबर्स के लिए खुशखबरी. द मीडिया रंबल एक बार फिर से होने जा रहा है बंगलुरु में. तारीख है तीन और चार अक्टूबर. बंगलोर इंटरनेशनल सेंटर में दो दिनों तक मीडिया, पत्रकारिता की दुनिया के तमाम दिग्गजों का जमावड़ा होगा, नई टेक्नोलॉजी, नए ट्रेंड पर मंथन होगा.
उधर जिल्लेइलाही डंकापति ने अपने खजाने का दरवाजा खोल दिया है. डंकापति के दरबारी खबरिया चैनलों की तमन्ना है कि वो तुच्छ जीव जंतु जो मुफ्त की रेवड़ी के लिए रिरियाते रहते हैं, उन्हें अब डंकापति का अहसान मान ही लेना चाहिए.
साथ में बात एनडीटीवी को लगे सूतक की. सूतक की अवस्था में एनडीटीवी ने जो-जो उपाय करने को कहा वह तो जानिए ही, लगे हाथ, उन दो स्वयंसेवकों की कथा भी जान लीजिए जो सुबह की शाखा से निकलते हुए एनडीटीवी के सूतक विचार में फंस गए.