न्यूज़लॉन्ड्री की टीम ने मौके पर देखा कि जगह-जगह सड़कों का अस्तित्व मिट चुका है.
उत्तराखंड के उत्तरकाशी ज़िले के हरसिल इलाके के धराली में हाल ही में आई आपदा ने इलाके को तहस-नहस कर दिया है. करीब हफ्तेभर बाद भी चारों और तबाही के निशान मौजूद हैं. न्यूज़लॉन्ड्री की टीम- रिपोर्टर हृदयेश जोशी और आशीष के साथ टूटे-फूटे पहाड़, बही हुई सड़कें और बह चुके पुलों को पार करते हुए प्रभावित क्षेत्रों से गुजर रही है. सभी रास्ते बह चुके हैं, हमारी टीम पहाड़ों को फांदते और टूटे रास्तों से पैदल चल कर धराली तक पहुंचने के प्रयास कर रही है.
इन इलाकों में तबाही का ये मंज़र है कि रास्तों पर लगभग 15 फुट ऊंचा मलबा नदी के किनारे और सड़क पर जमा है. लोहे के पुल, जो कभी ग्रामीणों के पैदल आने-जाने का रास्ता थे, अब बहकर टूट चुके हैं.
खीर गंगा की बाढ़ का तेज़ प्रवाह और भारी मलबा यह साफ दिखाता है कि तबाही कितनी भीषण रही होगी. यह धराली से 20 किलोमीटर दूर का नजारा है. टीम को इस दौरान लोहारी नागपाला जल विद्युत परियोजना, जो बाद में रोक दी गई, उस जगह पर भी भारी तबाही दिखी.
न्यूज़लॉन्ड्री की टीम ने मौके पर देखा कि जगह-जगह सड़कों का अस्तित्व मिट चुका है और नदी का बहाव अपने साथ कई फीट ऊंचा मलबा लेकर आया. यह घटना हमें 2021 की ऋषि गंगा डैम त्रासदी और जोशीमठ भू-धंसाव की याद दिलाती है, जहां न्यूज़लॉन्ड्री पहले भी ग्राउंड पर रिपोर्टिंग कर चुका है.
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