हमने पांच प्रमुख अखबारों अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर, हिन्दुस्तान और जनसत्ता का विश्लेषण किया है.
भारत निर्वाचन आयोग पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के गंभीर आरोपों ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है. 7 अगस्त को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने फर्जी मतदाता, अमान्य पते और फॉर्म 6 के दुरुपयोग जैसे कई मुद्दे उठाए. हिंदी के प्रमुख अखबारों ने इस खबर को अलग-अलग एंगल से रिपोर्ट किया है. हमने पांच प्रमुख अखबारों अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर, हिन्दुस्तान और जनसत्ता का विश्लेषण किया है.
एसआईआर और वोट चोरी के मुद्दे पर लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी को घेरा. हिन्दुस्तान अखबार ने इस खबर को तीसरे पन्ने पर जगह दी है. खबर का शीर्षक है- राहुल को मिला इंडिया गठबंधन का समर्थन.
सब हेड में ऊपर लिखा है कि पहले 'सबूतों' संग मतदाता सूची में गिनवाईं खामियां, फिर सहयोगी दलों के साथ की बैठक.
अखबार ने खबर में राहुल के आरोपों को पांच पाइंट्स में जगह दी है. पहला डुप्लीकेट मतदाता, दूसरा फर्जी और अमान्य पते, तीसरा एक पते पर कई मतदाता, चौथा अमान्य फोटो और पांचवें में फॉर्म 6 का दुरुपयोग बताया गया है.
इन आरपों पर भाजपा और चुनाव आयोग ने पलटवार किया है अखबार ने उसे भी प्रमुखता से छापा है.
मतों की चोरी की इस खबर को अखबार ने अपने संपादकीय पेज पर भी जगह दी है. अखबर लिखता है नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की यह शिकायत गंभीर है. तर्कपूर्ण ढंग से इतना तो कहना ही चाहिए कि अगर यह एटम बम है, तो यह एक या दो दशक में तैयार नहीं हुआ है.
इसके अलावा इसी मुद्दे पर कांग्रेस और उनके सहयोगियों की हुई बैठक को लेकर भी 13 नंबर पेज पर जगह मिली है. जिसका शीर्षक है- वोट चोरी पर आर-पार को तैयार 'इंडिया'.
दैनिक जागरण ने कथित वोटों की चोरी की इस खबर को संपादकीय पेज पर जगह दी है. जिसका शीर्षक है- यह कैसा एटम बम
लिखा है कि आखिरकार राहुल गांधी ने तथाकथित एटम बम फोड़ दिया, लेकिन वह तो फुस्स पटाखा निकला.
इसके अलावा पेज नंबर 15 पर इस खबर को जगह मिली है. जिसमें राहुल गांधी की एक छोटी सी तस्वीर लगी है. खबर का शीर्षक है- चुनावों में धांधली का दावा कर राहुल ने फोड़ा 'एटम बम'
इसी खबर के बीच में चुनाव आयोग के बयान को जगह दी है कि शपथपत्र देकर नाम साझा करें राहुल.
इसी खबर के नीचे राहुल गांधी के आवास पर हुए डिनर की खबर को छापा है. जिसका शीर्षक है- राहुल के आवास पर डिनर पर मिले आइएनडीआइए नेता. वोटों के मुद्दें पर भाजपा ने जो पलटवार किया है अखबार ने उसे भी प्रमुखता से छापा है.
अमर उजाला अखबार की बात करें तो उसने इस खबर को पांचवें पन्ने पर प्रकाशित किया है. खबर का शीर्षक है- राहुल के वोट चोरी के आरोप पर चुनाव आयोग ने मांगा शपथपत्र.
खबर में लिखा है लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अब कर्नाटक में वोट चोरी का आरोप लगाया है. उन्होंने एक विधानसभा क्षेत्र महादेवपुरा की मतदाता सूची के आंकड़ों को सामने रखकर आरोप लगाया कि वहां 100250 वोटों की धांधली हुई है.
राहुल के इस बयान पर चुनाव आयोग ने क्या कहा है अखबार ने उसे भी प्रमुखता से छापा है, कि शपथ पर दस्तखत कर ऐसे मतदाताओ के नाम भेजे, कार्रवाई करेंगे.
दैनिक भास्कर ने पहले पन्ने पर राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस को प्रमुखता दी है. खबर का शीर्षक है- राहुल का दावा: आयोग- भाजपा वोट चुरा रहे, नये सबूत दिए; भाजपा बोली- ये साजिश. राहुल के आरोपों के बाद कर्नाटक और महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों ने उनसे हस्ताक्षरित शपथ पत्र मांगा है. अखबार ने उसे भी प्रमुखता से जगह दी है.
दैनिक भास्कर अखबार ने भी राहुल गांधी द्वारा बताए गए पांच तरीके कि कैसे हो रही है चोरी उन्हें पाइंट्स में दिखाया है. इसके अलावा आम आदमी पार्टी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बयान को भी जगह दी है.
जनसत्ता अखबर की बात करें तों उसने इस खबर को पहले पन्ने पर प्रमुखता से छापा है. खबर का शीर्षक है- कर्नाटक के एक सीट पर 1,00,205 वोट की चोरी.
खबर में लिखा है- राहुल गांधी ने कर्नाटक के एक विधान सभा क्षेत्र में वोट की चोरी का डेटा सामने रखा जिससे भारीतय जनता पार्टी को फायदा हुआ है और वोट चोरी का यह मॉडल कई क्षेत्रो में लागू हुआ है. खबर के मुताबिक राहुल गांधी की टीम ने बेंगुलुरु मध्य लोकसभा सीट के महादेवपूरा सीट का विश्लेषण किया (जहां भाजपा एकतरफा जीती थी) और फिर गड़बड़ी पकड़ी गई.
पेज नंबर 8 पर अखबार ने चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया को जगह दी है जिसका शीर्षक दिया है- घोषणा पत्र के माध्यम से शामिल और हटाए गए नाम सांझा करें राहुल.
वे लिखते हैं कि निर्वाचन आयोग के सूत्रों ने कहा या तो गांधी को चुनाव संचालान नियमो के तहत घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करना चाहिए और उन लोगों की सूची प्रस्तुत करनी चाहिए जिसके बारे में उन्होंने दावे किए है या फिर उन्हें भारत के लोगों को गुमराह करना बंद करना चाहिए और चुनाव प्राधिकरण के खिलाफ निराधार आरोप लगाने बंद करने चाहिए.