मद्रास हाईकोर्ट ने अधिवक्ता एम. प्रवीण द्वारा दायर इस याचिका को खारिज कर दिया.
मद्रास हाईकोर्ट ने एक याचिका खारिज कर दी जिसमें विमान दुर्घटनाओं की मीडिया कवरेज को लेकर दिशा-निर्देश बनाने की मांग की गई थी. यह याचिका नागरिक उड्डयन मंत्रालय, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए), और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के खिलाफ दायर की गई थी.
लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, यह याचिका अधिवक्ता एम. प्रवीण द्वारा दायर की गई थी. जिसे मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति सुंदर मोहन की खंडपीठ ने खारिज कर दिया.
एयर इंडिया विमान हादसे के बाद की मीडिया कवरेज को लेकर बोलते हुए प्रवीण ने पहले न्यूज़लॉन्ड्री से कहा था, “कुल 242 लोगों की जान गई, जिनमें पायलट और केबिन क्रू भी शामिल थे. फिर भी, मीडिया और सोशल मीडिया पर ऐसे लोग जिनके पास विमानन का कोई ठोस ज्ञान नहीं है, साजिश की थ्योरी गढ़ रहे हैं और पायलटों को दोषी ठहरा रहे हैं, जबकि जांच अब भी जारी है... डीजीसीए की चुप्पी ने केवल भ्रम को बढ़ाया है और अटकलों को खुलकर फैलने दिया है. प्रारंभिक रिपोर्ट आने के बाद तो यह ग़लत जानकारी और ज़्यादा तेज़ी से फैली है.”
याचिका में कहा गया, “बिना आधार के आरोप और कल्पनात्मक नैरेटिव, जो हादसे में मारे गए लोगों के बाद फैलाए जा रहे हैं, न सिर्फ उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाते हैं बल्कि उनके परिवारों को भी मानसिक पीड़ा देते हैं. 14 जुलाई, 2025 को नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव, डीजीसीए और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय को इस बाबत एक विस्तृत अभ्यावेदन भेजा गया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया.”
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