जज्बाती अंकल, डंकापति, एनडीटीवी और पप्पू यादव

दिन ब दिन की इंटरनेट बहसों और खबरिया चैनलों के रंगमंच पर संक्षिप्त टिप्पणी.

WrittenBy:अतुल चौरसिया
Date:
   

लंबे वक्त के बाद डंकापति की वापसी हो रही है. साथ में एनडीटीवी इंडिया की खबर. इस चैनल ने धचके के साथ गोदी मीडिया के सर्कस में एंट्री का ऐलान पिछले हफ्ते किया. एनडीटीवी का निजाम बदला तो लगे हाथ खबरों का मिज़ाज भी बदल गया. यह एनडीटीवी के सुदर्शन टीवी बनने का शुरुआती कदम है. जिस प्रेमभाव से मौलाना और पुरोहित एकमत होकर पत्रकारिता को परवान चढ़ा रहे हैं वह एनडीटीवी की पत्रकारिता का अविस्मरणीय पल है.

लगे हाथ आईप इस हफ्ते टिप्पणी में एक नया सेगमेंट देखिए जज़्बाती अंकल. हमें उम्मीद है कि जज़्बाती अंकल की कहानी आपको पसंद आएगी. साथ ही हम देश के तमाम धांधलीपसंद, तिकड़मबाज, मुफ्तखोर और घपलेबाजों के आदर्श अनिल अंबानी की बात भी करेंगे. 

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