पुलिस का कहना है कि जैन ने दूतावास की आड़ में व्यापारियों को बहकाया और शेल कंपनियों के ज़रिए हवाला ट्रांज़ैक्शन किए.
उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फ़ोर्स (एसटीएफ) ने गाज़ियाबाद में एक फ़र्ज़ी राजनयिक मिशन का पर्दाफाश किया है. खुद को "वेस्ट आर्कटिका का राजदूत" बताने वाले 45 वर्षीय हर्षवर्धन जैन को गिरफ़्तार कर लिया गया है. उसके खिलाफ धोखाधड़ी, जाली दस्तावेज़ों और हवाला नेटवर्क चलाने का मामला दर्ज किया गया है.
एसटीएफ ने यह कार्रवाई गाज़ियाबाद स्थित कविनगर में एक दो-मंज़िला बंगले पर की. इस बंगले को जैन ने किसी विदेशी दूतावास जैसा सजा रखा था. यहां से पुलिस ने काफी मात्रा में सामग्री जब्त की है. इसमें राजनयिक नंबर प्लेट लगी चार लग्जरी गाड़ियां, 12 कथित राजनयिक पासपोर्ट, 34 देशों और कंपनियों की नकली मुहरें, 44.7 लाख रुपये नकद, विदेशी मुद्रा शामिल है. इसके अलावा कई देशों के दस्तावेज़ों के अलावा दो फ़र्ज़ी प्रेस कार्ड और दो नकली पैन कार्ड भी बरामद किए हैं.
पुलिस के मुताबिक, जैन वेस्ट आर्कटिका के अलावा साबोर्गा, पॉल्विया और लैंडोनिया जैसे कई तथाकथित "माइक्रोनेशन्स" (सूक्ष्म-देशों) का भी राजदूत बनकर घूमता था. ये सभी देश वास्तविक अंतरराष्ट्रीय मान्यता से वंचित हैं.
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, उसने अपने किराए के मकान को एक अंतरराष्ट्रीय मिशन का रूप देने के लिए नकली झंडे, प्रमाण पत्र, और दिखावटी राजनयिक सजावट का इस्तेमाल किया था. उसका उद्देश्य व्यापारियों को यह विश्वास दिलाना था कि उसके संपर्कों से वे अंतरराष्ट्रीय बाज़ार तक पहुंच सकते हैं.
पुलिस का कहना है कि जैन ने दूतावास की आड़ में व्यापारियों को बहकाया और शेल कंपनियों के ज़रिए हवाला ट्रांज़ैक्शन किए. वह खासतौर पर उन लोगों को निशाना बनाता था जो विदेशी निवेश, वर्क परमिट या अंतरराष्ट्रीय संपर्कों की तलाश में थे.
एएनआई से बातचीत में यूपी के एडीजी (कानून-व्यवस्था) ने बताया कि आरोपी के खिलाफ पहले से ही 2011 में एक मामला दर्ज है. गाज़ियाबाद के कविनगर थाने में उसके खिलाफ़ अवैध सैटेलाइट फोन रखने का केस अभी भी लंबित है.
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