पुरकायस्थ को यह ज़मानत मनी लॉन्ड्रिंग के उस मामले में मिली है, जो प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विदेशी फंडिंग के आरोपों को लेकर दर्ज किया था.
न्यूज़क्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ की दिल्ली हाईकोर्ट से अग्रिम ज़मानत मंजूर हो गई है. यह ज़मानत उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के उस मामले में मिली है, जो प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विदेशी फंडिंग के आरोपों को लेकर दर्ज किया था.
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने उन्हें आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दर्ज मामले में भी अग्रिम ज़मानत दी है. यही मामला ईडी की जांच की आधारशिला बना था.
फरवरी, 2021 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने न्यूज़क्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और संस्थान के कई कर्मचारियों के घरों और दफ्तरों पर छापेमारी की थी. यह छापे चार दिनों से अधिक समय तक चले थे. इस दौरान प्रबीर पुरकायस्थ को उनके घर में ही नजरबंद रखा गया था.
न्यूज़क्लिक पर आरोप था कि उसने शेयर की कीमतें बढ़ा-चढ़ाकर दिखाईं, फंड्स को इधर-उधर किया और विदेशी निवेश नियमों का उल्लंघन किया. इसके बाद न्यूज़क्लिक ने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया.
उन्होंने ईडी से केस की जानकारी की प्रति मांगी और जबरदस्ती की कार्रवाई से सुरक्षा की मांग की. कोर्ट ने जून, 2021 में ईडी को प्रबीर के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई न करने का निर्देश दिया था. यह अंतरिम राहत आगे भी बढ़ाई जाती रही.
बाद में न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक रिपोर्ट में दावा किया कि न्यूज़क्लिक उन मीडिया संस्थानों में शामिल है, जिन्हें अमेरिका के टेक उद्यमी नेविल रॉय सिंगम के जरिए चीनी प्रचार के लिए फंडिंग मिली. इस आरोप पर सिंगम ने एक चार पन्नों का जवाब जारी किया. उन्होंने इस की रिपोर्ट को "भ्रामक" और "इशारों से भरी हुई हिट पीस" कहा. साथ ही न्यूज़क्लिक ने भी इन दावों को खारिज किया.
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