महाराष्ट्र: वोटरों की अप्रत्याशित बढ़ोतरी ने चुनाव आयोग को जांच के लिए मजबूर किया?

महाराष्ट्र की वोटर लिस्ट को लेकर उठे विवाद को समझते हैं.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जब न्यूजलॉन्ड्री की नागपुर साउथ वेस्ट विधानसभा (मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सीट) पर वोटर हेरफेर की जांच रिपोर्ट को ट्वीट किया, तो इससे एक बड़ा सियासी टकराव शुरू हो गया. फडणवीस ने पलटवार करते हुए इन दावों को निराधार बताया और कांग्रेस पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया. 

हमारी रिपोर्ट में सामने आया कि लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच छह महीनों में फडणवीस की सीट पर मतदाताओं की संख्या में 8.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई. यह काफी तेज वृद्धि है. जो चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत अनिवार्य सत्यापन जांच को ट्रिगर करने वाली 4 प्रतिशत सीमा से दोगुनी से भी ज्यादा है.

इसके अलावा, न्यूज़लॉन्ड्री द्वारा 50 बूथों पर की गई रैंडम जांच में कम से कम 4,000 ऐसे मतदाता मिले जिनके पते नहीं थे. मुख्यमंत्री फडणवीस ने दावा किया कि राज्य की 25 विधानसभा सीटों पर लोकसभा 2024 और विधानसभा चुनावों के बीच मतदाताओं की संख्या में 8 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई, जिनमें से पांच सीटें कांग्रेस ने जीतीं. 

अपने दावों के समर्थन में उन्होंने पांच उदाहरण भी दिए: वेस्ट नागपुर, नॉर्थ नागपुर, वडगांवशेरी, मलाड वेस्ट और मुंब्रा. 

जब हमने आंकड़ों की पड़ताल की तो पाया कि मुख्यमंत्री के आंकड़े चुनावी डाटा से मेल नहीं खाते. उदाहरण के लिए, मलाड वेस्ट में मतदाताओं की संख्या 11 प्रतिशत नहीं, बल्कि केवल 6 प्रतिशत बढ़ी थी.

सारांश के इस अंक में हम महाराष्ट्र की मतदाता सूची पर उठे विवाद को विस्तार से समझा रहे हैं. 

Also see
article imageक्लाउड सीडिंग से बारिश या भ्रम? जानिए पूरी प्रक्रिया
article imageदो ध्रुव, एक भारत: रणनीतिक आज़ादी की असली परीक्षा?

Comments

We take comments from subscribers only!  Subscribe now to post comments! 
Already a subscriber?  Login


You may also like