याचिका में केंद्रीय सूचना आयोग की सुनवाई को सार्वजनिक रूप से अधिक सुलभ बनाने की मांग की गई थी.
दिल्ली हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया जिसमें जिसमें सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत केंद्रीय सूचना आयोग की सुनवाइयों को आम जनता के लिए अधिक सुलभ बनाने के निर्देश देने की मांग की गई थी. यह जानकारी बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार सामने आई है.
मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति अनीश दयाल की खंडपीठ ने टिप्पणी की कि इस विषय में केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) या सुप्रीम कोर्ट से संपर्क किया जा सकता है. साथ ही, हाईकोर्ट ने केंद्रीय सूचना आयोग को निर्देश दिया कि वह इस मुद्दे पर शीघ्र निर्णय ले.
यह याचिका पत्रकार सौरव दास, बेटवा शर्मा, विनिता देशमुख, कुणाल रजनीकांत पुरोहित और मोहित एम राव द्वारा दायर की गई थी.
कोर्ट ने यह भी कहा कि सीआईसी की सुनवाई को वर्चुअल माध्यम से आम जनता और पक्षकारों को उपलब्ध कराने का मुद्दा पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में लंबित है.
याचिकाकर्ताओं ने कहा कि उन्होंने 24 जुलाई 2024 को सीआईसी को एक ज्ञापन सौंपा था जिसमें सार्वजनिक पहुंच की मांग की गई थी, लेकिन उनकी मांग पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.
याचिका में यह तर्क दिया गया कि बंद कमरे (इन-कैमरा) में की जा रही सुनवाई से सार्वजनिक जवाबदेही प्रभावित होती है और नागरिकों के सूचना के अधिकार पर भी रोक लगती है.
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