दिन ब दिन की इंटरनेट बहसों और खबरिया चैनलों के रंगमंच पर संक्षिप्त टिप्पणी.
दुनिया का आसमान चौतरफा मिसाइल और बमों की आमदरफ्त से भरा हुआ था. किसकी मिसाइल किसके ऊपर गिर रही है इसका अब कोई मतलब नहीं बचा था. बम और बारिश के माहौल में धृतराष्ट्र कई दिनों बाद दरबार में पहुंचे थे. डंकापति के सवाल पर संजय ने धृतराष्ट्र को बताया कि आर्यावर्त में तो सब ठीक ठाक है लेकिन दुनिया लट्ठबाजों के हाथ में चली गई है. जिसकी लाठी, उसी की भैंस. एकदम ताजा ताजा लट्ठ डंकापति के खास दोस्त अमरीका वाले भूरेलाल ट्रंप ने चलाया है.
धृतराष्ट्र संजय संवाद के अलावा इस हफ्ते बात इज़राइल-ईरान और अमेरिका के युद्ध की और साथ में एक छोटी सी कविता जिसका शीर्षक है- रेत खाने वाले लड़के.