एनबीडीएसए ने कहा कि थंबनेल चुनते समय पूरी सावधानी नहीं बरती जाती, जिससे मूल बातों का विकृत रूप सामने आता है. ऐसी गलतियों से बचा जाना चाहिए.
न्यूज़ ब्रॉडकास्टिंग एंड डिजिटल स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी (एनबीडीएसए) ने टाइम्स नाऊ नवभारत को एक भ्रामक थंबनेल हटाने का निर्देश दिया है. साथ ही उसने सभी प्रसारकों (ब्रॉडकास्टर्स) को सलाह दी है कि वे टिकर और थंबनेल बनाते समय यह सुनिश्चित करें कि वे चर्चा या साक्षात्कार की वास्तविक बातों के अनुरूप हों.
यह कार्रवाई पुणे के तकनीकी पेशेवर एवं कार्यकर्ता (आईटी एक्टिविस्ट) इंद्रजीत घोरपड़े द्वारा सितंबर 2023 में दायर की गई शिकायत पर हुई. उन्होंने आरोप लगाया कि चैनल ने शिमला मस्जिद विध्वंस विवाद की रिपोर्टिंग में मुस्लिम विरोधी थंबनेल और सांप्रदायिक दृष्टिकोण का उपयोग किया.
शिकायत में कहा गया कि चैनल ने 48 घंटे के भीतर मस्जिद से जुड़ी लगभग 150 वीडियो अपलोड कीं. इन वीडियो में एक रिपोर्टर ने इलाके की चार हिंदू महिलाओं से बात की और उनसे यह पूछा कि क्या मुस्लिम आबादी बढ़ रही है और क्या माहौल में डर है. शिकायतकर्ता ने इन सवालों को उकसाने वाले बताया और कहा कि महिलाओं की प्रतिक्रियाएं बार-बार की गई मुस्लिम विरोधी कवरेज का प्रभाव थीं.
सोमवार को जारी अपने आदेश में एनबीडीएसए ने पाया कि वीडियो के थंबनेल पर लिखा था—“और मुसलमान लड़के हमें… जुम्मे के दिन तो…”, जो कि साक्षात्कार में महिलाओं द्वारा कहे गए बयानों से मेल नहीं खाता था. थंबनेल यह आभास दे रहा था कि मुस्लिम पुरुष महिलाओं को परेशान कर रहे हैं, जबकि ऐसा साक्षात्कार में नहीं कहा गया था.
अधिकारियों ने कहा कि यह न केवल भ्रामक था, बल्कि साम्प्रदायिक सौहार्द के भी विरुद्ध था. एनबीडीएसए ने स्पष्ट किया कि थंबनेल और टिकर वास्तविक चर्चाओं और साक्षात्कारों की सही छवि पेश करें, ताकि जनता को गुमराह न किया जाए.
एनबीडीएसए ने कहा, “कई प्रसारणों में थंबनेल और टिकर चुनते समय पूरी सावधानी नहीं बरती जाती, जिससे मूल बातों का विकृत रूप सामने आता है. ऐसी गलतियों से बचा जाना चाहिए.”
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