अमरावती को लेकर पत्रकार की विवादास्पद टिप्पणी पर आंध्र प्रदेश में राजनीतिक घमासान

विवाद के बाद वरिष्ठ पत्रकार कृष्णमराजू ने अपना बयान वापस ले लिया.

वरिष्ठ पत्रकार कृष्णमराजू

आंध्र प्रदेश में एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है. यहां पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक वीवीआर कृष्णमराजू ने साक्षी टीवी पर अमरावती को “वेश्याओं की राजधानी” कह दिया. यह चैनल वाईएसआर कांग्रेस पार्टी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी के स्वामित्व में है.

6 जून को पत्रकार कोम्मिनेनी श्रीनिवास राव द्वारा एंकर किए गए कार्यक्रम में कृष्णमराजू ने कहा कि मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण अमरावती को “देवताओं की राजधानी” कहते हैं, लेकिन अब आरोप हैं कि यह “वेश्याओं का अड्डा” बन चुकी है.

टिप्पणी के बाद तीखी प्रतिक्रिया

इस बयान के बाद तीव्र प्रतिक्रिया सामने आई. महिला किसानों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मंगलागिरी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई और इस टिप्पणी को “घोर अपमान” बताया. तेदेपा (तेलुगु देशम पार्टी) विधायक और विधानसभा उपाध्यक्ष के. रघु रामकृष्ण राजू ने भी पुलिस महानिदेशक को शिकायत दी.

मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने इस टिप्पणी को "घृणित" बताया और कहा कि राजनीति और मीडिया की आड़ में फैलाई जा रही इस प्रवृत्ति को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने कहा कि यह टिप्पणी महिलाओं और अमरावती की बौद्ध विरासत दोनों का अपमान है. उन्होंने चेतावनी दी कि राज्य सरकार ऐसे बयान देने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करेगी.

“संगठित साजिश” का आरोप

पवन कल्याण ने साक्षी टीवी को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि वह केवल यह कहकर नहीं बच सकता कि टिप्पणी निजी थी. उन्होंने इसे राजधानी, वहां की महिलाओं और सांस्कृतिक विरासत को अपमानित करने की “संगठित साजिश” बताया.

तेदेपा सांसद लावु श्रीकृष्ण देवरायुलु ने भी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया और राष्ट्रीय महिला आयोग में शिकायतें दर्ज कीं. उन्होंने कहा कि यह बयान न केवल तथ्यात्मक रूप से गलत है, बल्कि महिलाओं और संस्कृति का गहरा अपमान भी है.

उन्होंने शिकायत में लिखा, "अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का इस्तेमाल महिलाओं को नीचा दिखाने के लिए नहीं किया जा सकता और हम आयोग पर भरोसा करते हैं कि वह यह सुनिश्चित करेगा कि टीआरपी के लिए महिलाओं की गरिमा का बलिदान न किया जाए."

माफ़ी की मांग

राज्य की गृह मंत्री वंगलापुडी अनिता ने कहा कि जगन मोहन रेड्डी और उनकी पत्नी भारती रेड्डी (जो साक्षी मीडिया समूह की प्रमुख हैं) को सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगनी चाहिए.

बयान से पल्ला झाड़ते हुए सफाई

साक्षी टीवी और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने इस टिप्पणी से खुद को अलग कर लिया और कहा कि ये कृष्णमराजू की व्यक्तिगत राय थी. चैनल ने बयान जारी कर कहा कि वह “हमेशा महिलाओं का सम्मान करता है.”

इसके बाद कृष्णमराजू ने खुद ही जल्दबाजी में अपना बयान वापस ले लिया और दावा किया कि वे राष्ट्रीय एड्स परिषद संगठन द्वारा किए गए एक अध्ययन के निष्कर्षों का हवाला दे रहे थे, जिसमें कहा गया था कि सेक्स वर्करों की संख्या के मामले में आंध्र प्रदेश में भारत में दूसरे नंबर पर है.

कृष्णमराजू ने कहा, "मैंने देखा है कि अमरावती के आस-पास के इलाकों में यह समस्या व्याप्त है. इस क्षेत्र में कई गैर सरकारी संगठन हैं जो सेक्स वर्करों और उनके बच्चों के कल्याण के लिए काम कर रहे हैं. मैं सरकार से इस मुद्दे को हल करने का आह्वान कर रहा था."

नोट: यह रिपोर्ट द न्यूज़ मिनट से पुनर्प्रकाशित की गई है. एनएल और टीएनएम किसी सरकार, राजनीतिक दल या कॉर्पोरेट से विज्ञापन नहीं लेते. हमारा समर्थन आप जैसे पाठकों से आता है.

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