भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते संघर्ष में मीडिया की फर्जी रिपोर्टिंग

मीडिया ने कई फर्जी वीडियो, पुराने फुटेज और अपुष्ट दावों के सहारे भारत-पाकिस्तान के बीच तथाकथित ‘युद्ध की कहानी’ बताई.

WrittenBy:अवधेश कुमार
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8 और 9 मई की दरम्यानी रात भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य झड़प हुईं. लेकिन जिस तरीके से भारतीय मीडिया के कई चैनलों ने इस स्थिति को पेश किया. वह बेहद गैर-जिम्मेदाराना और भ्रामक था. ज़मीन पर जो हुआ, उसे तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत किया गया. कई फर्जी वीडियो, पुराने फुटेज और अपुष्ट दावों के सहारे ‘युद्ध की कहानी’ बताई गई. यह पत्रकारिता की विश्वसनीयता पर सवाल उठाता है. 

हैरानी की बात है कि यह तब हो रहा है जब भारत सरकार और सेना लगातार फर्जी खबरें चलाने से बचने और सोशल मीडिया पर कुछ भी शेयर करने से बचने की सलाह दे रहा है. बकायदा मीडिया को इसकी एडवाइजरी जारी की जा रही है. बावजूद इसके मीडिया का एक तबका ऐसा कर रहा है. पीआईबी खुद ऐसी फर्जी खबरों का फैक्ट चेक कर रहा है.  

फिदायीन हमला 

एबीपी न्यूज़ पर 8 मई की रात करीब 10:30 बजे एंकर चित्रा त्रिपाठी अपने सहयोगी आशीष कुमार सिंह के साथ लाइव थीं. इस दौरान वे एक फिदायीन हमले की बात कर रहे थे. सुसाइड अटैक की जानकारी देते हुए आशीष कहते हैं कि रजौरी में सुसाइड अटैक करने की कोशिश की गई है यानि कि आतंकियों को अंदर भेजा गया है मुझे लगता है कि सिक्योरिटी फोर्सेज उन्हें ट्रेस डाउन करने की कोशिश कर रही होंगी. यह एक बड़ी खबर है. ये सुसाइड अटैक 120 ब्रिगेड रजौरी में किया गया, लेकिन उसे नाकाम कर दिया गया. यह खबर आशीष अपने सूत्रों के हवाले से बता रहे थे. इस पर चित्रा कहती हैं कि रजौरी से यह बड़ी खबर आशीष दे रहे हैं. 

वहीं, आज तक पर वरिष्ठ कार्यकारी संपादक श्वेता सिंह ने अपने फ़ोन से पढ़ते हुए दावा किया कि कश्मीर में एक ब्रिगेड पर फ़िदायीन हमला हुआ है, जो कि चिंताजनक है और उन आतंकियों का सामना किया जा रहा है. पाकिस्तान के पास अपने सैनिक, अपने हथियार तो कम ही हैं, लेकिन वो इस तरह की चीजों के लिए आतंकियों का इस्तमाल करता है. इस दौरान प्रतीकात्मक तस्वीर बताकर आसमान से आग के गोले बरसाए जा रहे थे. इस वीडियो पर भी पीआईबी ने कहा कि इस वीडियो को एक वीडियो गेम से लिया गया है और 3 साल से ज़्यादा समय से यह ऑनलाइन है. इसका भारत-पाकिस्तान की मौजूदा स्थिति से कोई संबंध नहीं है.

इसी वक्त उनकी सहयोगी एंकर अंजना ओम कश्यप भी कहती हैं कि राजौरी में फिदायीन अटैक की खबर है. इस दौरान इन्होंने अपने सूत्रों का खुलासा नहीं किया.

इस खबर का पीआईबी ने फैक्ट चेक किया. पीआईबी ने कहा कि राजौरी, जम्मू और कश्मीर में एक आर्मी ब्रिगेड पर 'फिदायीन' हमले के बारे में फर्जी खबरें प्रसारित हो रही हैं. किसी भी आर्मी कैंट पर ऐसा कोई फिदायीन या आत्मघाती हमला नहीं हुआ है. भ्रामक और भ्रम पैदा करने के इरादे से किए गए इन झूठे दावों के झांसे में न आएं.

आज तक का माफीनामा

इसके लिए आज तक ने माफी भी मांगी है. एंकर नेहा बाथम ने 9 मई की दोपहर एक शो के दौरान कहा कि यह मुश्किल घड़ी है, चुनौती की घड़ी है. देश के लिए भी और न्यूज़ चैनल के तौर पर हमारे लिए भी. सटीक और सच्ची खबर यही हमारी प्राथमिकता रही है. लेकिन पिछले 24 घंटे हमारे लिए परीक्षा की घड़ी रहे हैं. क्योंकि सीमा पर तेजी से हालात बिगड़ते गए, झड़पों की रिपोर्ट, आधिकारिक बयान, सोशल मीडिया पर अटकलें, डीप फेक, हैक किए गए ट्वीट्स, पिछले 24 घंटे में तेजी से जानकारियां हमारे पास पहुंचीं. हमने इन जानकारियों को जांचने परखने की पूरी कोशिश की ताकि सिर्फ और सिर्फ सच्ची खबर ही आप तक पहुंचे. लेकिन हमारी पूरी सतर्कता के बाद भी कुछ अधूरी रिपोर्ट्स ऑनएयर हो गईं. इसके लिए हम आपसे माफी चाहते हैं. हमारा आपसे 100 फीसदी और पूरी तरह से सत्यापित खबरें ही पहुंचाने का वादा है.

भास्कर ने खेत में लगी आग को बताया ड्रोन अटैक  

दैनिक भास्कर डिजिटल ने एक वीडियो को पंजाब में पाक का हमला कहकर प्रसारित किया. इस दौरान भास्कर के रिपोर्टर विवेक शर्मा कहते हैं कि पंजाब में पाकिस्तान लगातार हमले कर रहा है. लुधियाना में भी हमला किया गया है. भास्कर ने जिस वीडियो को प्रसारित किया उसे पीआईबी ने अपने फैक्ट चेक में गलत पाया

पीआईबी ने बताया कि जालंधर से ड्रोन हमले का यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. यह खेत में लगी आग का वीडियो है. वीडियो में समय शाम 7:39 बजे का है, जबकि ड्रोन हमला बाद में शुरू हुआ. इस वीडियो को शेयर न करें. 

इस मामले में ज़ी न्यूज़ भी पीछे नहीं रहा. चैनल ने अपने लाइव में चलाया- ‘कई बड़े शहरों पर कब्जा होते ही पाक सेना का सरेंडर’, ‘पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद पर कब्जा.’ 

ज़ी न्यूज़ यही नहीं रुका उसने अपने लाइव में ‘कराची बंदरगाह पर भारी तबाही’ और ‘बंकर में छिपे शहबाज शरीफ’ जैसी बातों का भी अपने लाइव में जिक्र किया. साथ ही ऐसे ही थंबनेल का भी प्रयोग किया. 

बीती रात अंजना ओम कश्यप और श्वेता सिंह ने कहा कि भारत ने लाहौर और इस्लामाबाद पर बड़ा हमला किया है. वहीं रिपब्लिक भारत के प्राइम टाइम पर अर्णब गोस्वामी ने बार-बार दोहराया कि भारत ने इस्लामाबाद और लाहौर पर बड़ा हमला किया है. 

गोस्वामी ने कहा, 'जम्मू में भारी तबाही. माफ़ करें. लाहौर में भारी तबाही. मैं खुद को सही कर रहा हूं. विज़ुअल बिना प्रमाणिकता के आ रहे हैं इसलिए, मैं उन्हें नहीं दिखा रहा हूं.' कुछ मिनटों के बाद, उन्होंने दावा किया, 'इस्लामाबाद बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. मुझे बताया गया है कि लाहौर बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. रिपब्लिक लाइव ब्रेकिंग कर रहा है.'

अर्णब ने इस दौरान दावा किया कि उनका चैनल किसी भी समाचार को प्रसारित करने से पहले चार चरण की प्रमाणीकरण प्रक्रिया का पालन कर रहा है. एंकर ने हिंदू अखबार पर भी निशाना साधा. उन्होंने टिप्पणी की, 'हम हिंदू जैसे नहीं हैं, जो एक अख़बार का एक छोटा सा हिस्सा है, जिसने पाकिस्तान के समर्थन में सभी बातें लिखीं और माफ़ी भी मांगी. मुझे नहीं पता कि हिंदू क्या बकवास करता है. यह भयानक है..वे मेरे समय के लायक नहीं हैं.' 

इसके अलावा सोशल मीडिया पर जम्मू एयरफोर्स बेस पर धमाका, गुजरात के हजीरा पोर्ट पर हमला, जालंधर में ड्रोन से हमला, भारतीय चौकी ध्वस्त, भारत पर पाक ने किया मिसाइल हमला और एयरपोर्ट पर एंट्री हो गई बैन जैसे ट्वीट्स की बाढ़ सी आ गई. जिन्हें पीआईबी ने अपने फैक्ट चेक में गलत पाया. 

सोशल मीडिया पर भारत के हमलों से जुड़ी भ्रामक और झूठी जानकारियां अभी भी तेजी से वायरल हो रही हैं. एलन मस्क की कंपनी एक्स (पहले ट्विटर) ने बताया कि उसे भारत सरकार से ऐसा आदेश मिला है, जिसके तहत उसे 8,000 से ज्यादा अकाउंट्स को ब्लॉक करना होगा. इनमें कुछ अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठनों और फेमस यूजर्स के खाते भी शामिल हैं.

पीआईबी फैक्ट चेक, Alt News, Factly, और BOOM जैसी फैक्ट-चेक वेबसाइट्स ने तुरंत कई वायरल वीडियो और खबरों की सच्चाई उजागर की. 

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