दिन ब दिन की इंटरनेट बहसों और खबरिया चैनलों के रंगमंच पर संक्षिप्त टिप्पणी.
भारत पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के मद्देनज़र एक बार फिर से हस्तिनापुर का दरबार लगा. वहां आर्यावर्त के ताजा हालात और डंकापति की गतिविधियों पर धृतराष्ट्र और संजय के बीच विस्तार से चर्चा हुई. लेकिन इसी बीच भारत ने पाकिस्तान के ऊपर चढ़ाई कर दी. इस हमले से जुड़ी तमाम जानकारियां भारत सरकार ने जारी कर दी हैं.
इसके अलावा टिप्पणी में हम आपको पंद्रह करोड़ रुपये के राष्ट्रधर्म की कहानी सुनाएंगे. गत दिनों सुधीर चौधरी को बहुत तेज़ राष्ट्रधर्म आया, वो कैसे इससे फारिग हुए वह कहानी जानिए.
दूसरी तरफ भारत का पत्रकारिता जगत एक ऐतिहासिक टकराव का गवाह बनने से चूक गया. मसला खड़ा हुआ मोदी सरकार द्वारा जातिगत जनगणना करवाने के फैसले से. वरिष्ठ पत्रकार और सामाजिक न्याय मामलों के इन्साइक्लोपीडिया दिलीप मंडल, लगभग एक साल पहले द प्रिंट छोड़कर मोदी सरकार के सलाहकार बन गए.
दूसरी तरफ द प्रिंट के प्रधान संपादक शेखर गुप्ता ने अपने शो कट द क्लटर के हालिया एपिसोड में जातिगत जनगणना के फैसले को 'ए बैड आइडिया हूज़ टाइम हैज़ कम' घोषित कर दिया. यह सब देखकर मुझे शिद्दत से 2023 वाले दिलीप मंडल की याद आई.
देखिए इस हफ्ते की टिप्पणी.