पहलगाम आतंकी हमला: एबीपी न्यूज़ की एंकर चित्रा त्रिपाठी पर फूटा कश्मीरी लोगों का गुस्सा

स्थानीय लोगों ने नेशनल मीडिया चैनल्स की 'एकतरफा' कवरेज से नाराज होकर 'गोदी मीडिया हाय हाय!' के नारे लगाए. 

वायरल वीडियो का स्क्रीनशॉट जिसमें चित्रा स्थानीय लोगों से लड़ रही हैं.

श्रीनगर के लाल चौक में आज एबीपी न्यूज़ की एंकर चित्रा त्रिपाठी के इर्द-गिर्द भीड़ यही नारा लगा रही थी. त्रिपाठी यहां बीते रोज़ पहलगाम में हुए आंतकी हमले के बाद रिपोर्टिंग के लिए पहुंची थी. इस हमले में अब तक 26 लोगों के मारे जाने की ख़बर आ चुकी है. 

इस भीड़ में टूरिस्ट एसोसिएशन, वकील और कुछ सिविल सोसायटी के लोग भी शामिल थे. अचानक ये भीड़ का सुर विरोध की आवाज में बदल गया. ये सब लोग बीते रोज़ हुए आतंकवादी हमले के बाद जमा हुए थे. इस बीच दिल्ली से पहुंचे पत्रकारों के खिलाफ इनका गुस्सा फूट पड़ा.  

त्रिपाठी के साथ बातचीत के एक वायरल वीडियो में जब दो महिलाओं ने उन्हें जाने के लिए कहा तो त्रिपाठी ने कहा, “मैं नहीं जाऊंगी. जो लोग मेरे साथ दुर्व्यवहार कर रहे हैं, उन्हें हटा दें. 26 लोग मर चुके हैं और आप मेरे साथ बुरा व्यवहार कर रहे हैं.”

विरोध प्रदर्शन के एक अन्य वायरल वीडियो में एक स्थानीय निवासी आरोप लगाता हुआ दिखाई दे रहा है. वो कहता है, “जब मैंने एक चैनल से कहा कि हम शांति चाहते हैं, तो एंकर ने कैमरा बंद करने का इशारा किया. उन्होंने बीच में ही लाइव बंद कर दिया. जब मैंने बोलना बंद किया तो वे फिर से लाइव हो गए. यह गलत है.”

एक और वायरल वीडियो में स्थानीय लोग नारे लगा रहे हैं, “पर्यटकों, हम शर्मिंदा हैं, तुम्हारे कातिल जिंदा हैं. कश्मीर से आवाज़ आई, हिंदू-मुस्लिम भाई भाई!”  

आज श्रीनगर पहुंचने पर त्रिपाठी ने सबसे पहले हवाई अड्डे से रिपोर्ट की. जिसमें उन्होंने बताया कि सरकार “आतंकवादियों को पकड़ने” में क्यों नाकाम रही. 

उन्होंने कहा, "पहलगाम का वो इलाका भी ऐसा है, जहां पर बहुत सारी कठिनाइयां हैं लेकिन उम्मीद ये है कि जिन आतंकवादियों की ओर से इसको अंजाम दिया गया है जल्द से जल्द वो अपने भी अंजाम तक पाएंगे और उसके बाद अब जो उनके आका बैठे हुए हैं पाकिस्तान में उनको भी भारत पूरी तरह से सबक सिखाएगा क्योंकि इसके पहले हम सब ने देखा था पुलवामा अटैक के बाद सर्जिकल स्ट्राइक एयर स्ट्राइक के जरिए हम बता चुके हैं पाकिस्तान को वो अपनी हद में रहे.” 

चित्रा पाकिस्तान पर निशाना साध रही थी तो इस बीच एबीपी न्यूज़ भी स्क्रीन पर "नाम-धर्म पूछकर कश्मीर में नरसंहार! हर आतंकी का होगा हिसाब! पहलगाम अटैक, चुन-चुन कर हिंदू टारगेट.” जैसे टिकर स्क्रीन पर चला रहा था. 

इसके बाद त्रिपाठी ने लाल चौक से रिपोर्ट की, जहां उन्होंने पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ गृह मंत्री अमित शाह की मुलाकात की सराहना की. चित्रा ने कहा “देश के अभिभावक के तौर पर बहुत जरूरी हो जाता है कि उनके आंसू को पोछने के लिए खुद उनकी (अमित शाह) की मौजूदगी हो तो उससे उनको कितना सपोर्ट मिलता होगा कितना साहस बढ़ता होगा.” 

इसके बाद उन्होंने वहां मौजूद लोगों से बात की.  इस दौरान उन्होंने बार-बार कहा कि लोगों को चुन-चुन कर मारा गया है. 

जब एक स्थानीय मुस्लिम व्यक्ति उनसे बात करने के लिए रुका तो चित्रा ने उससे पूछा, "क्या आप इस हमले की निंदा करते हैं?" उसने जवाब दिया, "बहुत निंदा करता हूं. आतंकवादियों को छोड़ना नहीं चाहिए.”

इसके बाद चित्रा ने कहा, "टारगेट किलिंग की गई है, चुन चुन कर पूछा गया है धर्म क्या है, कलमा पढ़ो, नमाज पढ़ो...पाकिस्तान ये हमला करवा रहा है."

इसके बाद शख्स ने कहा कि पाकिस्तान अलग है और आतंकवाद अलग तो चित्रा ने उस शख्स से बात करना बंद कर दिया.  गौरतलब है कि मारे गए लोगों में एक कश्मीरी मुस्लिम भी शामिल है. 

त्रिपाठी ने इस मुस्लिम युवक की मौत पर बहुत ही हल्की टिप्पणी की. उन्होंने कहा, "कुछ लोगों की ओर से जरूर ये कहा जा रहा है कि नहीं, उसमें एक-दो लोग मुसलमान थे, ये थे वो थे, लेकिन अगर चश्मेदीदों की जुबानी, जो पीड़ित हैं उनकी जुबानी पूरी कहानी को समझें और जानें तो उनका यही कहना है कि अगर हम कलमा नहीं पढ़ पा रहे थे, अगर हमें नहीं जानकारी थी इस्लाम के बारे में ज्यादा, कुछ लोगों के साथ किस तरह की बर्बरता की गई लगातार एबीपी न्यूज़ अपने दर्शकों तक पहुंचा रहा है. तो ये स्थिति वहां पर बनी यानि कि हिंदुओं को टारगेट करके उनको मारा गया है.

एशियन रिवोल्यूशन नामक स्थानीय चैनल की पत्रकार रुफ़ैदा ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया कि त्रिपाठी की टिप्पणियों ने "लोगों की भावनाओं को आहत किया है".

उन्होंने कहा, "वे (स्थानीय लोग) कश्मीर के बाहर के टीवी चैनलों की कवरेज से नाराज़ थे. वे आतंकी हमले की निंदा करने के लिए इकट्ठे हुए थे. वह इस तरह के आतंकवाद का समर्थन नहीं करते हैं. इसलिए, चाहते थे कि टीवी चैनल सुरक्षा चूक के बारे में सरकार से सवाल करें और जब स्थानीय लोगों ने सरकार से सवाल पूछे तो इन चैनलों ने अपने कैमरे बंद कर दिए. इससे विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया."

उन्होंने दिल्ली के चैनलों पर "इस हमले को सांप्रदायिक रंग देने" पर ध्यान केंद्रित करने का आरोप लगाया, जबकि इस घटना ने "स्थानीय अर्थव्यवस्था और पर्यटन उद्योग को भी नुकसान पहुंचाया है." उन्होंने कहा, "कश्मीरी भी भविष्य को लेकर डरे हुए हैं."

न्यूज़लॉन्ड्री ने इस मामले पर टिप्पणी के लिए त्रिपाठी से संपर्क किया है. अगर इस बारे में उनका कोई जवाब आता है तो उसे ख़बर में जोड़ दिया जाएगा.  

मूल रूप से अंग्रेजी में प्रकाशित ख़बर को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.

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