पत्रकारों ने पुलिस पर सिंगोरिया खिलाफ बदले की भावना से कार्रवाई करने का आरोप लगाया.
भोपाल के स्वतंत्र पत्रकार कुलदीप सिंगोरिया को हिरासत मे लेने के एक घंटे बाद जमानत दे दी गई है. उन पर एक्सीडेंट करने और जबरन वसूली का आरोप है. लगातार पत्रकारों के विरोध के बाद मंगलवार को जिस पुलिस प्रभारी ने पत्रकार पर एफआईआर दर्ज की थी, उसे लाइन अटैच्ट कर दिया.
सिंगोरिया प्रमुख रूप से न्यूज़18 और दैनिक भास्कर जैसे मीडिया हाउस के साथ काम कर चुके हैं. फिलहाल वो khashkhabar.com में ‘द इन्साइडर’ नामक कॉलम लिखते हैं.
जानकारी के अनुसार, 20 मार्च को एफआईआर कतारा हिल्स पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई. एफआईआर के मुताबिक, विवेकानंद कालोनी में अखिल के टू व्हीलर की एक एसयूवी से टक्कर हो गई. शिकायतकर्ता ने बताया कि कार में सवार लोगों ने उसके साथ मारपीट की, गंदी गालिया दी और कार के नुकसान की भरपाई के लिए 50 हजार रुपये की मांग की. इसके बाद सोमवार की रात को सिंगोरिया को भारतीय न्याय संहिता के तहत गिरफ्तार कर लिया गया.
मंगलवार को पत्रकारों ने पुलिस स्टेशन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. उनके अनुसार, शिकायतकर्ता ने सिंगोरिया का नाम नहीं लिया और यह कार उनकी थी, इसका भी कोई जिक्र एफआईआर में नहीं है.
'द सूत्र' के मुताबिक, इस बारे में पूछे जाने पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि उनको मामले की जानकारी है और वह इसका संज्ञान ले रहे हैं. सूत्रों के अनुसार, भाजपा के मीडिया सेल इंचार्ज भी इस विरोध प्रदर्शन मे शामिल थे.
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के नेता कमलनाथ ने कतारा हिल्स पुलिस स्टेशन के बाहर प्रदर्शन कर रहे पत्रकारों के विरोध प्रदर्शन की एक वीडियो ट्वीट करते हुए कहा कि सिंगोरिया को झूठे आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
नाथ के मीडिया एडवाइज़र पीयूष बबेले ने कहा कि सिंगोरिया को इसलिए गिरफ्तार किया गया क्योंकि वह राज्य में भ्रष्टाचार को उजागर कर रहे हैं.
न्यूजलॉन्ड्री ने इस मामले पर पत्रकार से बात करने की कोशिश की लेकिन उनका मोबाइल बंद था. इस बीच सेशन कोर्ट ने सिंगोरिया को जमानत दे दी. वहीं, पुलिस स्टेशन प्रभारी से टिप्पणी के लिए कोई संपर्क नहीं हो सका. वहीं, डीसीपी संजय अग्रवाल ने मीडिया को बताया कि कटारा हिल्स थाने के प्रभारी को लाइन अटैच कर दिया गया है या फिर फील्ड ड्यूटी से हटा दिया गया है.