यह जानकारी सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने राज्यसभा सांसद फौजिया खान के द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में दी.
पीआईबी फैक्ट चेक यूनिट ने साल 2019 से साल 2022 के बीच 967 फर्जी खबरों को फैक्ट चेक किया है. यह जानकारी सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने राज्यसभा सांसद फौजिया खान के द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में दी.
दिसंबर 2019 में मंत्रालय ने पीआईबी फैक्ट चेक यूनिट की स्थापना की. उसके बाद साल 2019 में यूनिट ने 17, 2020 में 394, 2021 में 285 और नवंबर 2022 तक 271 फर्जी खबरों का फैक्ट चेक या उनकी सत्यता की पुष्टि की.
एनसीपी सांसद के पूछे गए सवाल पर मंत्री ने बताया, “भारत सरकार के पास फर्जी खबरों से निपटने के लिए वैधानिक और संस्थागत तंत्र हैं. पीआईबी फैक्ट चेक यूनिट स्वत:, और कई बार अन्य लोगों द्वारा भेजे गए फर्जी खबरों को फैक्ट चेक करती है.”
वहीं टीवी चैनलों द्वारा दिखाई गईं फर्जी खबरों को रोकने के लिए केबल टेलीविजन नेटवर्क (संशोधन) नियम 2021 अधिनियम के तहत चैनलों के लिए तीन स्तरीय शिकायत निवारण तंत्र का प्रावधान किया गया है.
उन्होंने बताया, “सरकार ने डिजिटल मीडिया पर फर्जी समाचारों को रोकने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत सूचना प्रौद्योगिकी नियम 2021 अधिसूचित किया है. इसके तहत डिजिटल मीडिया पर अन्य बातों के साथ-साथ समाचार के प्रकाशकों द्वारा आचार संहिता के पालन, और उनके द्वारा आचार संहिता से संबंधित शिकायतों के निवारण के लिए तीन स्तरीय तंत्र का प्रावधान किया गया है.”
डॉ. फौज़िया खान ने संसद में सूचना व प्रसारण मंत्री से सूचना कार्यालय द्वारा पांच वर्षों में सार्वजनिक रूप से जारी हुए तथ्यों की जांच का वर्ष-वार ब्यौरा मांगा था. साथ ही उन्होंने पूछा था कि क्या सरकार के पास झूठी सूचनाओं से निपटने और फर्जी खबरों के प्रसार से निपटने की कोई नीति है.
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