सुधीर चौधरी की कंपनी से 15 करोड़+जीएसटी और सालाना 10 फीसदी की बढ़ोतरी का कॉन्ट्रैक्ट!

प्रसार भारती के कानूनी विभाग ने पिछले साल गठित कंपनी के साथ सौदे में छूट पर आपत्ति जताई थी.

सुधीर चौधरी और डीडी न्यूज़ का लोगो.

सुधीर चौधरी की खुद की कंपनी, एस्प्रिट प्रोडक्शंस प्राइवेट लिमिटेड, प्रसार भारती से डीडी न्यूज़ पर सालाना 15 करोड़ साथ में जीएसटी की लागत वाले एक शो के लिए बातचीत कर रही है, जैसा कि न्यूज़लॉन्ड्री को जानकारी मिली है. 

11 मार्च को जारी, प्रसार भारती बोर्ड के एजेंडे को लेकर एक आंतरिक ज्ञापन के अनुसार अगर इस सौदे को बोर्ड से अंतिम मंजूरी मिल जाती है तो एस्प्रिट प्रोडक्शंस प्राइवेट लिमिटेड एक घंटे का शो बनाएगी, जो हफ्ते में पांच दिन प्रसारित होगा, या ऐसा कह सकते हैं कि एक साल में 260 एपिसोड बनाए जाएंगे. फर्म से यह अपेक्षा भी है कि वो डीडी न्यूज़ स्टूडियो से शो के लिए एंकर को शोध, निर्माण और पटकथा में मदद करेगी. ब्रॉडकास्टर कार्यालय की दसवीं मंजिल पर लगभग 9.25 लाख रुपये की लागत से नवीनीकरण और मरम्मत के काम के लिए एक अलग ठेका जारी किया गया है.

न्यूज़लॉन्ड्री ने पहले रिपोर्ट किया था कि आजतक के सलाहकार संपादक डीडी न्यूज़ पर एक शो का हिस्सा हो सकते हैं, और इस शो को बनाने के लिए चैनल के दफ्तर की दसवीं मंजिल को तैयार किया जा रहा है.

बोर्ड के एजेंडे पर

11 मार्च के ज्ञापन के अनुसार, प्रसार भारती बोर्ड के सामने इस सौदे, कुछ छूटों और एक अलग मार्केटिंग व बिक्री के अनुच्छेद को लागू करने के लिए मंजूरी देने का प्रस्ताव था. हालांकि, ये पुष्टि नहीं हो सकी कि बोर्ड ने इसकी अंतिम मंजूरी दी है या नहीं.

प्रसार भारती के कानूनी विभाग के इशारा किए जाने के बावजूद कि इस सौदे के कई चरण,  प्रसारक यानी डीडी की कंटेंट शेयरिंग पॉलिसी, 2024 के अनुरूप नहीं थे, सौदे में कई छूटें दी गईं. इन छूटों को पहले प्रबंधन समिति ने मंज़ूरी दे दी थी.

प्रसार भारती बोर्ड से सामान्य वित्तीय नियम 2017 के नियम 194 के खंड 3 और 4 के तहत नामांकन के आधार पर सौदे को मंजूरी देने की विनती की गई थी. खंड 3 “ऐसी स्थितियों की ओर इशारा करता है जहां असाइनमेंट पूरा करने में मालिकाना हक वाली तकनीकों का उपयोग शामिल हो सकता है, या केवल एक सलाहकार के पास अपेक्षित विशेषज्ञता हो”. धारा 4 कहती है कि "कुछ विशेष परिस्थितियों में किसी विशेष सलाहकार का चयन करना आवश्यक हो सकता है, जहां मंत्रालय या विभाग के समग्र हित के चलते ऐसे इकलौते सोर्स के चयन के लिए पर्याप्त वजह मौजूद हो. इकलौते सोर्स चयन के लिए पूरी वजह फाइल में दर्ज की जानी चाहिए और ऐसे इकलौते सोर्स के चयन का सहारा लेने से पहले सक्षम प्राधिकारी की स्वीकृति प्राप्त की जानी चाहिए."

न्यूज़लॉन्ड्री ने प्रसार भारती के अध्यक्ष नवनीत सहगल और सुधीर चौधरी से उनका पक्ष जानने के लिए संपर्क किया है. अगर उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया मिलती है तो उसे इस रिपोर्ट में शामिल किया जाएगा. 

चौधरी का चयन कैसे?

इस आंतरिक ज्ञापन में बताया गया कि प्रसार भारती बोर्ड की बैठक में डीडी न्यूज द्वारा अपने हालिया पुनर्गठन के मद्देनजर “रणनीतिक छलांग” लगाने के लिए, दो प्रमुख न्यूज एंकरों और एक प्रोडक्शन एजेंसी की नियुक्ति को मंजूरी दी गई थी.

बोर्ड के सदस्य अशोक टंडन की अध्यक्षता में एक खोज व चयन समिति ने तत्पश्चात एंकर सुधीर चौधरी को चुना, क्योंकि बाजार के प्रमुख खिलाड़ी “नियमित एनआईए-आधारित प्रक्रिया और निविदा औपचारिकताओं में शायद भाग न लें”. समिति ने चौधरी की “विश्वसनीयता, टीआरपी ट्रैक रिकॉर्ड और मजबूत सोशल मीडिया उपस्थिति” को ध्यान में रखकर निर्णय लिया था.

प्रबंधन समिति ने अपनी 239वीं बैठक में एआईआर (ऑल इंडिया रेडियो) के अतिरिक्त महानिदेशक एल. मधु नाग की अध्यक्षता में एक परक्रामक समिति (नेगोशिएशन कमेटी) को मंजूरी दी. इस पैनल को 244वीं बैठक में टीएमएसओ के अतिरिक्त महानिदेशक वेद प्रकाश की अध्यक्षता में पुनर्गठित किया गया, क्योंकि नाग ने “एक दशक से ज्यादा समय से टीवी समाचार प्रोडक्शन के संपर्क में न होने की वजह से परक्रामक समिति की अध्यक्षता कर पाने में अपनी असमर्थता ज़ाहिर की”.

प्रकाश के नेतृत्व वाले पैनल ने इस साल 6 फरवरी से 20 फरवरी के बीच पांच अलग-अलग बैठकों में एस्प्रिट प्रोडक्शंस के साथ बातचीत की. प्रोडक्शन और बुनियादी ढांचे की लागत पर बातचीत के बाद दोनों पक्ष 15 करोड़ रुपये सालाना के अलावा जीएसटी की लागत पर सहमत हुए, जो 24 मई, 2012 को सीबीसी द्वारा अनुमोदित दरों के अनुसार 28.6 करोड़ रुपये, साथ में टैक्स के आंकड़े के अंदर ही था.

एस्प्रिट प्रोडक्शंस प्राइवेट लिमिटेड दिल्ली के वसंत कुंज में है और इसकी शुरुआत जुलाई, 2024 में हुई थी, चौधरी और रतन लाल निदेशक के रूप नियुक्त हुए थे.

कानूनी खंड की चिंता

प्रबंधन समिति की 244वीं बैठक में, कार्यक्रम निर्माण और प्रसारण समझौते में कंटेंट सोर्सिंग नीति, 2024 में छूट को भी मंजूरी दी गई. न्यूज़लॉन्ड्री इस बात की पुष्टि नहीं कर सका कि प्रसार भारती बोर्ड द्वारा इन सभी मंजूरियों को अंतिम मंजूरी दी गई थी या नहीं.

यह सुझाव दिया गया कि बौद्धिक संपदा से संबंधित सौदे के खंड 8 को ध्यान में रखते हुए, दोनों पक्षों के बीच एक अलग मार्केटिंग और बिक्री समझौते पर बातचीत और हस्ताक्षर किए जा सकते हैं. इस खंड में कहा गया है कि कंपनी चैनल को संपूर्ण कॉपीराइट सौंपती है, बशर्ते उसे समझौते की अवधि और किसी भी अन्य संबंधित अधिकारों के लिए बौद्धिक संपदा का उपयोग करने का विश्वव्यापी, पूरी तरह से चुकाया गया, रॉयल्टी-मुक्त, गैर-उप-लाइसेंसी योग्य लाइसेंस दिया जाए.

प्रसारणकर्ता के कानूनी खण्ड ने पहले भी इशारा किया था कि समझौते के कुछ खंड कंटेंट सोर्सिंग पॉलिसी, 2024 के प्रावधानों के विपरीत थे, और इन अंतरों के लिए प्रबंधन समिति की मंजूरी की ज़रूरत थी, जिसने आखिरकार मंजूरी दे भी दी.

इन छूटों में डीडी न्यूज द्वारा मासिक शुल्क का भुगतान और अग्रिम भुगतान शामिल था, जबकि सीएसपी, 2024 के खंड 2.6 (ए) के अनुसार किश्तों में भुगतान और अंत में अग्रिम भुगतान का हिसाब बिठाया जा सकता है.

इनमें सीएसपी के तहत समाप्ति अनुच्छेद में बदलाव लाकर निर्धारित एक महीने की अवधि के बजाय छह महीने की नोटिस अवधि का सुझाव भी शामिल है. प्रोडक्शन कंपनी द्वारा वार्डरोब क्रेडिट को दिखाने के लिए भी छूट दी गई थी. अगर प्रोडक्शन टीम को शो के लिए यात्रा करनी पड़ती है, तो चैनल सुधीर चौधरी के लिए बिजनेस क्लास टिकट और फाइव स्टार होटल में ठहरने की व्यवस्था करेगा और टीम के अन्य सदस्यों के लिए उनके ओहदे के हिसाब से उचित प्रबंध करेगा.

प्रबंधन समिति ने एक ऐसे क्लॉज को भी मंजूरी दी, जिसके अनुसार उक्त वार्षिक अनुबंध की कीमत में हर साल 10 फीसदी की दर से बढ़ोतरी की जाएगी.

चौधरी करीब एक दशक तक ज़ी न्यूज़ का चेहरा रहे. ज़ी न्यूज़ छोड़ने के दो हफ़्ते से भी कम समय बाद जून 2022 में वे आजतक में शामिल हुए थे.

मूल रूप से अंग्रेजी में प्रकाशित ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.

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