उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में बीते रविवार एक पत्रकार की गोली मरकर हत्या कर दी गई. हत्या के कारणों का अभी खुलासा नहीं हुआ है.
उत्तर प्रदेश सीतापुर जिले में एक पत्रकार की दिन दहाड़े हत्या कर दी गई. हत्या के इस मामले में पुलिस ने 8 लोगों को फिलहाल शक के आधार पर पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले में 4 लेखपाल भी शामिल हैं.
पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई दैनिक जागरण के लिए काम करते थे. साथ ही वह एक आरटीआई एक्टिविस्ट भी थे. शनिवार दोपहर बाद करीबन 3 बजे दिन उन्हें दिन दहाड़े गोली मारी गई. बाद में उनकी मौत हो गई. पत्रकार अपने घर से मोटरसाइकिल पर तहसीलदार से मिलने के लिए निकले थे.
सीसीटीवी फुटेज के अनुसार, 2 मोटरसाइकिलों और एक जीप पर सवार कुछ लोग पत्रकार बाजपेई का पीछा कर रहे थे. इसके थोड़ी देर बाद उनकी लखनऊ-दिल्ली हाईवे पर गोली मारकर हत्या कर दिए जाने की सूचना आई.
फिलहाल, पोस्टमॉर्टम के बाद बाजपेई का शव उनके परिजनों को सौंप दिया गया है. साथ ही पुलिस ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है. इस बीच परिवार के सदस्यों ने हमलावरों को गिरफ्तार नहीं किए जाने तक अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया. हालांकि, अंततः पत्रकार का अंतिम संस्कार किया गया.
इंडियन एक्सप्रेस को बताते हुए परिवार ने संदेह जताया कि पत्रकार की हत्या धान और भूमि खरीद के मामलों में स्टाम्प शुल्क चोरी को लेकर अनियमितताओं की रिपोर्टिंग के कारण की गई है.
पुलिस ने बताया है कि फिलहाल, इस मामले में कुल 8 लोगों को हिरासत में लिया गया है. जिनमें चार लेखपाल भी शामिल हैं. जिनमें लेखपाल संघ के अध्यक्ष अनीश द्विवेदी, राम सिंह राणा, डीपी सिंह और प्रतीक गुप्ता शामिल हैं. साथ ही पत्रकार के पड़ोस में रहने वाले एक सेवानिवृत्त सेना अधिकारी को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है. मालूम हो कि लेखपाल, राजस्व विभाग का ग्राम स्तर का अधिकारी होता है. उसे कई जगह पर पटवारी भी कहा जाता है. लेखपाल का मुख्य काम, गांव में जमीन से जुड़े काम देखना और जमीन का लेखा-जोखा रखना होता है. लेखपाल, सरकार की नीतियों को ग्राम स्तर पर लागू करता है.
उधर, लखनऊ रेंज के पुलिस महानिरीक्षक प्रशांत कुमार ने मीडिया को बताया कि वे सभी संभावित कारणों की जांच कर रहे हैं. इस मामले के चलते रविवार को पत्रकार एसोसिएशन ने सीतापुर, शाहजहांपुर, बरैली, सुल्तानपुर, बहराइच और बाराबंकी जिलों में धरना प्रदर्शन करके परिवार के लिए न्याय की मांग की.
इसके अलावा प्रदेश की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों भाजपा, सपा और कांग्रेस ने पत्रकार की हत्या पर शोक व्यक्त किया है. समाजवादी पार्टी के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर कानून और व्यवस्था बनाए रखने में विफल रहने का आरोप लगाया. वहीं, यूपी के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है.