साल 2022 में कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने रिपब्लिक टीवी के चीफ एडिटर गोस्वामी के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था.
राजस्थान उच्च न्यायालय से रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी को राहत मिल गई है. बीते 3 मार्च को हाईकोर्ट ने गोस्वामी के खिलाफ 2022 में दर्ज एक आपराधिक मामले में किसी भी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई करने पर रोक लगा दी.
मालूम हो कि मामला 17 मई 2022 का है. तब कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने चैनल और गोस्वामी के खिलाफ एक शिकायत दी. जिसमें उन्होंने कुछ ख़बरों के प्रसारण को लेकर आपत्ति जताई. यह ख़बरें राजगढ़ में एक मंदिर को ढहाए जाने और अलवर में बुलडोजर चलाए जाने से संबंंधित थे. अलवर में बुलडोजर की कार्रवाई पर चैनल ने 'जहांगीरपुरी का बदला?' जैसे शब्दों का उपयोग किया था.
इसके बाद गोस्वामी ने एफआईआर को रद्द करने के लिए हाईकोर्ट का रुख किया था. अपनी याचिका में उन्होंने लिखा कि एफआईआर की कार्रवाई राजनीति से प्रेरित थी. यह रिपब्लिक टीवी को कानूनी मामलों में फंसाने और परेशान करने के लिए की गई थी. याचिका में कहा गया कि टीवी के प्रसारणों का उद्देश्य सांप्रदायिक सौहार्द सुनिश्चित करना था न कि उसे बिगाड़ना.
दोनों पक्षों की दलीलों के बाद हाईकोर्ट ने पाया कि एफआईआर में गोस्वामी के खिलाफ विशिष्ट आरोपों की कमी थी. साथ ही यह पत्रकारिता की स्वतंत्रता को दबाने का प्रयास था. कोर्ट ने अपने आदेश में गोस्वामी के खिलाफ किसी भी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है. अब इस मामले की आगामी सुनवाई 8 सप्ताह बाद होगी.