दिन ब दिन की इंटरनेट बहसों और खबरिया चैनलों के रंगमंच पर संक्षिप्त टिप्पणी.
इस हफ्ते टिप्पणी में डंकापति की वापसी. संजय ने डंकापति के बारे में क्यों कहा कि उनकी फजीहत हो रखी है. आखिर क्यों डंकापति के शागिर्द ही उनके गले की हड्डी बन चुके हैं. दूसरी तरफ उनके तथाकथित दोस्त. कहने को दोस्त हैं लेकिन ऐसे दोस्त से दुश्मन भले. हर दिन ट्रंप भारत की बेज्जती कर रहा है और डंकापति से दोस्ती का दावा भी.
इस हफ्ते दरबारी मीडिया के अंगने में तेज़ी से फड़फड़ा रहे एक नए दरबारी एंकर की बात होगी. यह पत्रकारिता कम एकालाप प्रवचन ज्यादा करते हैं. लेकिन अदा वही हुड़कचुल्लुओं वाली. दबी जुबान से हिंदुत्व का प्रचार, मोदी की तारीफ, विपक्ष को घेरना और तर्क के नाम पर कुतर्क और व्हाटअबाउटरी.
पिछले हफ्ते योगी आदित्यनाथ उर्दू पर फिर से लट्ठ लेकर चढ़ बैठे. हम सिर्फ संविधान की बात करेंगे. संविधान की आठवीं अनुसूची में कुल 22 भाषाएं शामिल हैं. उनमें से एक उर्दू भी है. लेकिन संविधान की शपथ लेकर धड़ल्ले से संविधान की धज्जी उत्तर प्रदेश की विधानसभा में योगी आदित्यनाथ उड़ा सकते हैं. देखिए पूरी टिप्पणी, और अपनी राय दीजिए.