वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि, एमएसएमई, निवेश और निर्यात को "विकास के चार इंजन" करार दिया. उल्लेखनीय है कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर चार साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में लगातार आठवां बजट पेश किया. बजट में उन्होंने नौकरीपेशा मध्यम वर्ग के लिए बड़ी कर राहत की घोषणा की. इसके अलावा उन्होंने बिहार के लिए भी कई घोषणाएं की. गौरतलब है कि बिहार में भाजपा की मदद से नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं. इसी साल यहां विधानसभा चुनाव भी होना है.
अपने भाषण में सीतारमण ने कृषि, एमएसएमई, निवेश और निर्यात को "विकास के चार इंजन" और "सुधारों को ईंधन" बताया. उल्लेखनीय है कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर चार साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है.
भारत सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बजट में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं, जिनसे विभिन्न क्षेत्रों में सुधार की योजना बनाई गई है. इन फैसलों का उद्देश्य देश की आर्थिक प्रगति को तेज करना और नागरिकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाना है.
आइए 77 मिनट के लंबे बजट भाषण के प्रमुख अंशों पर एक नजर डालते हैं.
इस बजट में 6 प्रमुख क्षेत्रों में सुधार की योजना पर जोर दिया गया है:
कर
पावर
शहरी विकास
नियामक
खनन
वित्तीय क्षेत्र
मध्यवर्गीय नागरिकों के लिए सरकार ने आयकर प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं.
‘निल टैक्स’ की सीमा: 2019 में ₹2.5 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख, 2023 में ₹7 लाख, और अब 2025 में ₹12 लाख तक कर दी गई है.
नई टैक्स स्लैब:
₹4 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं
₹4 लाख से ₹8 लाख तक की आय पर 5% टैक्स
₹8 लाख से ₹12 लाख तक की आय पर 10% टैक्स
₹12 लाख से ₹16 लाख तक की आय पर 15% टैक्स
₹16 लाख से ₹20 लाख तक की आय पर 20% टैक्स
₹20 लाख से ₹24 लाख तक की आय पर 25% टैक्स
₹24 लाख से अधिक आय पर 30% टैक्स
इसके अलावा, बुजुर्गों के लिए टीडीएस की सीमा ₹50,000 से बढ़ाकर ₹1 लाख कर दी गई है. किराया आय पर टीडीएस छूट ₹6 लाख तक कर दी गई है, और मोबाइल फोन और लेक्ट्रॉनिक कारों की कीमतों में कमी की जाएगी. एलईडी-एलसीडी टीवी की कीमतें भी घटाई जाएंगी और कस्टम ड्यूटी को 2.5% तक घटा दिया जाएगा.
2025-26 के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का फंड भूमि और विकास की चुनौतियों, सामाजिक बुनियादी ढांचे और स्मार्ट शहरों के विस्तार के लिए रखा गया है. इस फंड के तहत 40,000 नए मकान हैंडओवर किए जाएंगे और 1 लाख अधूरे मकानों को पूरा किया जाएगा.
भारत सरकार ने कृषि और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं.
प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना: 100 जिलों में लागू की जाएगी, जिसका उद्देश्य फल उत्पादन बढ़ाना, फसल विविधीकरण करना और सिंचाई सुविधाओं को सुधारना है.
आत्मनिर्भरता मिशन: पल्स उत्पादकता में सुधार लाने के लिए किसानों को बेहतर मूल्य और सरकारी समर्थन मिलेगा.
राष्ट्रीय मिशन: उच्च उत्पादकता वाले बीजों के लिए और कपास उत्पादकता मिशन की शुरुआत की जाएगी.
किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की सीमा ₹3 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख की जाएगी.
देशभर में बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए 11.21 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा. इसमें सड़कों, राजमार्गों और रेलवे के आधुनिकीकरण के साथ-साथ पूंजीगत निवेश को बढ़ाया जाएगा.
कौशल विकास: अगले 5 सालों में 4.1 करोड़ युवाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जाएगा.
इंटर्नशिप: 1 करोड़ युवाओं को प्रमुख कंपनियों के साथ इंटर्नशिप का अवसर मिलेगा.
महिला उद्यमिता: विशेषकर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से संबंधित महिलाओं के लिए 5 लाख करोड़ रुपये का फंड आवंटित किया जाएगा.
14 शहरों में सार्वजनिक परिवहन और शहरी सुविधाओं के विकास के लिए 11 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. 100 शहरों में सेवागे ट्रीटमेंट, साफ-सफाई, कचरे के निपटान और जल आपूर्ति सुधार पर ध्यान दिया जाएगा.
क्रेडिट गारंटी योजना के तहत एमएसएमई को आसान ऋण उपलब्ध कराया जाएगा.
पारंपरिक स्ट्रीट वेंडर्स को पीएम स्वनिधि योजना के तहत ₹30,000 तक का लोन मिलेगा.
नवाचार कोष: विभिन्न क्षेत्रों में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक प्रमुख कोष स्थापित किया गया है.
स्टार्टअप्स के लिए कर अनुपालन: स्टार्टअप्स के लिए कर नियमों को सरल बनाया गया है, और एंजल टैक्स को समाप्त किया गया है.
आईबीसी सुधार: दिवालियापन और ऋण शोधन अक्षमता संहिता (IBC) की प्रक्रियाओं को अधिक प्रभावी बनाने के लिए एक एकीकृत तकनीकी प्रणाली का विकास किया गया है.
कैंसर की दवाओं की कीमतें घटाई गई हैं और तीन वर्षों में सभी जिलों में कैंसर डे-केयर सेंटर बनाए जाएंगे. अगले वित्त वर्ष में 200 सेंटर बनाए जाएंगे.
बिहार में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फूड टेक्नोलॉजी का निर्माण किया जाएगा.
पटना IIT में होस्टल सुविधाओं को बढ़ाया जाएगा.
मखाना बोर्ड का गठन किया जाएगा, जिससे बिहार के किसानों को सहायता मिलेगी.
बिहार में 3 नए एयरपोर्ट बनाने की योजना है.
2025 का बजट भारत के आर्थिक और सामाजिक विकास को तेज़ी से गति देने के लिए कई अहम निर्णयों द्वारा शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सुधार के साथ साथ छोटे व्यवसायों, युवाओं और महिलाओं के लिए भी कई नए अवसरों को प्रदान करने की बात करता है.