प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में 29 जनवरी की रात संगम घाट पर भगदड़ में मारे गए लोगों की सही संख्या को लेकर अभी तक सवाल उठ रहे हैं.
प्रयागराज महाकुंभ में संगम घाट पर हुई भगदड़ में कितने लोग मारे गए? ये सवाल अब धीरे-धीरे हर कोई पूछने लगा है. सवालों का पीछा करते हुए सच तक पहुंचना ही मीडिया का काम है. हालांकि, मेला प्रशासन न जाने क्यों इस बात को लेकर असहज नजर आ रहा है कि लोगों की मौत का सही आंकड़ा ना मिले.
उल्लेखनीय है कि 30 जनवरी की शाम को प्रेसवार्ता में मेला डीआईजी वैभव कृष्ण ने 30 लोगों की मौत और 60 का इलाज जारी होने की बात कही. उन्होंने भगदड़ में कुल 90 लोगों के हताहत होने की पुष्टि की.
लेकिन मीडिया में मृतकों की संख्या को लेकर तमाम तरह के दावे हो रहे हैं. हादसे में मारे गए लोग कौन हैं और कितने हैं, इसी सवाल को लेकर टीवी9 भारतवर्ष के पत्रकार विपिन चौबे मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज स्थित मुर्दाघर पहुंचे. इस दौरान नामालूम अधिकारी उनसे धक्का-मुक्की और बदतमीजी करते दिखे. इस घटनाक्रम का वीडियो टीवी9 भारतवर्ष ने अपने यूट्यूबर पर साझा किया है.
वीडियो में क्या?
वीडियो में रिपोर्टर विपिन चौबे मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज स्थित मुर्दाघर पहुंचे हुए हैं. इस दौरान वह वहां लगी मृतकों की सूची को दिखाते हैं. इसी बीच अचानक से एक शख्स आते हैं. वह रिपोर्टर और कैमरामैन को रिपोर्टिंग करने से रोकते हैं.
इस दौरान धक्का-मुक्की होती है और रिपोर्टर को मुर्दाघर से बाहर कर दिया जाता है. साथ ही उन्हें गिरफ्तार करवाने की धमकी दी जाती है. जिस पर रिपोर्टर अधिकारी से उनकी पहचान पूछता है. लेकिन इस बीच वह बाकी लोगों के साथ अंदर चला जाता है.
रिपोर्टर का दावा है कि लोगों को मीडिया से बात करने पर धमकाया जा रहा है.
भगदड़ वाले दिन रिपोर्टर से बदतमीजी
भगदड़ वाले दिन न्यूज़ एजेंसी आइएएनएस के एक रिपोर्टर के साथ भी एक पुलिसकर्मी ने बदतमीजी की थी. जिसके बाद उन्होंने इस घटना का वीडियो एक्स हैंडल पर शेयर किया था. रिपोर्टर एक अखाड़े से बयान लेने की कोशिश कर रहे थे तो पुलिस अधिकारी ने उन्हें जबरन रोक दिया.
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