दिन ब दिन की इंटरनेट बहसों और खबरिया चैनलों के रंगमंच पर संक्षिप्त टिप्पणी.
छपछप करते योगी आदित्यनाथ अपने कैबिनेट के सहयोगियों संग प्रयागराज में स्नान करने जा पहुंचे. यह खबर अखबारों और टीवी चैनलों में छा गई. योगीजी ने अपनी बालसुलभ चंचलता से सबका मन मोह लिया. फिर उन्होंने आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल को व्यक्तिगत चैलेंज दे दिया, जो कि उन्हें नहीं करना चाहिए था.
आप सबको पता होगा कि कुंभ में स्नान से सारे पाप धुल जाते हैं. करोड़ों-करोड़ हिंदुस्तानियों में एक सुधीर चौधरी भी थे जो अपने पाप धुलने प्रयागराज पहुंचे थे. कुछ तो करम रहे होंगे कि पाप का घड़ा खाली करने प्रयागराज जाना पड़ा.
एक होता है एहसास-ए-कमतरी और उससे भी एक पायदान नीचे होता है आत्म-सम्मान और स्वाभिमान से रिक्त मनुष्य. मैं अंजना ओम कश्यप की बात कर रहा हूं. अंजना के सामने एक नकली आदमी के सामने नकली ज़ुबान का इस्तेमाल करने की कोई मजबूरी नहीं थी, लेकिन इस एहसास-ए-कमतरी का क्या कीजै.