दावा है कि टैक्स अथॉरिटीज़ ने उनके ‘गैर-लाभकारी ट्रस्ट’ के दर्जे को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि पत्रकारिता कोई जनहित का काम नहीं.
अपनी गहन और गुणवत्तापूर्ण खोजी रिपोर्टिंग के लिए बीते कुछ समय में ही पत्रकारिता जगत में नाम कमाने वाली द रिपोर्ट्स कलेक्टिव से ‘गैर-लाभकारी’ (नॉन प्रोफिट) ट्रस्ट का दर्जा छिन गया है. द रिपोर्टर्स कलेक्टिव की ओर से बयान जारी कर ये जानकारी दी गई. बयान के मुताबिक, "टैक्स अथॉरिटीज़ (कर प्राधिकरणों) ने उनके ‘गैर-लाभकारी’ ट्रस्ट के दर्जे को रद्द कर दिया है. फिलहाल, वे इस मामले में कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं."
बयान में आगे कहा गया है कि ‘द रिपोर्टर कलेक्टिव’ एक खोजी पत्रकारिता संगठन है. इसका गैर-लाभकारी ट्रस्ट का दर्जा यह कहते हुए रद्द कर दिया है कि पत्रकारिता कोई सार्वजनिक हित का काम नहीं.
अपने बयान में द रिपोर्टर्स कलेक्टिव ने कहा कि पत्रकारिता, जब सही तरीके से की जाती है तो यह लोकतान्त्रिक देश में एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक सेवा बन जाती है. उन्होंने यह भी कहा कि खोजी पत्रकारिता विशेष तौर पर सत्ता में बैठे लोगों को जवाबदेह ठहराती है. यह सीधे तौर पर जनता, खासकर कमजोर और हाशिए पर रहने वाले समुदायों को लाभ पहुंचाती है. फिलहाल, द रिपोर्टर कलेक्टिव के लोग इस फैसले को चुनौती देने के कानूनी विकल्प तलाश रहे हैं.
कलेक्टिव ने यह भी स्पष्ट किया कि वे जनता के हित में पत्रकारिता जारी रखने के अपने संकल्प और दृढ़ निश्चय को बनाए रखेंगे.