हवा का हक़: धूल और ध्वजारोहण...

सत्ता से सच बोलने के लिए, कार्टून एक बहुत ही पुरानी और साहसिक विधा है.

WrittenBy:मंजुल
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कार्टून के ज़रिए हम ख़त्म होती व्यंग्य की परंपरा को पुनर्जीवित करना चाहते हैं.
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दिल्ली की हवा इतनी प्रदूषित हो चुकी है कि यहां कि यहां धूल के गुबार हवा में साफतौर पर तैरते दिखते हैं. हवा में सांस लेना अब करीब 40 सिगरेट पीने के बराबर है. धूम्रपान से दूर रहने वाले लोग भी इस हवा में सांस लेने से बच नहीं पा रहे हैं.

आपको क्या लगता है? हम कोई फसाना बयां कर रहे हैं? नहीं, यही इन दिनों दिल्ली की हकीकत है. इसलिए हमने #FightToBreathe यानि हवा का हक़ मुहिम शुरू की है. जो न्यूज़लॉन्ड्री, विशेषज्ञों, पाठकों और आपके सहयोग से आगे बढ़ेगी. हम सिर्फ गाहे-बगाहे नहीं बल्कि लगातार प्रदूषण के मूल कारणों की पड़ताल करेंगे, सरकार द्वारा उठाए कदमों को परखने की कोशिश करेंगे और साथ ही विशेषज्ञों की सलाह से इसका संभावित हल भी ढूंढेंगे.

इस मुहिम में केवल ख़बरें, रिपोर्ट या राउंड टेबल चर्चाएं नहीं बल्कि व्यंग्य भी हमारा साधन होगा.

यह कार्टून वायु प्रदूषण को लेकर हमारी मुहिम ‘हवा का हक’ का हिस्सा है. आप इससे कैसे जुड़ सकते हैंं, जानने के लिए यहां क्लिक करें और हमें समर्थन देने के लिए यहां क्लिक करें.

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