अडाणी समेत दुनियाभर के कई समूहों पर खुलासे करने वाली हिंडनबर्ग रिसर्च संस्था होगी बंद

फर्म के संस्थापक नाथन एंडरसन ने बुधवार को इस फैसले के बारे में वेबसाइट पर प्रकाशित एक नोट में जानकारी दी.

नाथन एंडरसन और हिंडनबर्ग का लोगो

भारतीय उद्योगपति गौतम अडाणी और उनकी कंपनी समेत दुनियाभर के कई समूहों पर खुलासे करने वाली हिंडनबर्ग रिसर्च संस्था बंद होगी. बुधवार को इसके संस्थापक नाथन एंडरसन ने एक व्यक्तिगत नोट में इस फैसले की जानकारी दी. एंडरसन ने हिंडनबर्ग रिसर्च की शुरुआत साल 2017 में की थी.

मालूम हो कि जनवरी 2023 में, हिंडनबर्ग रिसर्च ने गौतम अडाणी के नेतृत्व वाले अडाणी समूह पर 'स्टॉक में हेरफेर' और 'अकाउंटिंग में धोखाधड़ी' की बात करते हुए एक रिपोर्ट जारी की थी. अडाणी ग्रुप ने इन आरोपों का खंडन करते हुए 413 पन्नों की प्रतिक्रिया दी. जिसमें इस रिपोर्ट को ‘भारत पर हमला’ करार दिया था. 

इसके बाद अगस्त 2024 में, हिंडनबर्ग ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की अडाणी मनी सायफनिंग घोटाले में इस्तेमाल किए गए ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी की बात कहते हुए रिपोर्ट जारी की. बुच ने हिंडनबर्ग के आरोपों से इनकार किया और इन्हें ‘दुर्भावनाग्रस्त’, ‘शरारत भरे’ और ‘चालाकी पूर्ण’ करार दिया.

हिंडनबर्ग रिसर्च को बंद करने की यह घोषणा अमेरिकी रिपब्लिकन कांग्रेस के सदस्य लांस गूडेन द्वारा अमेरिकी न्याय विभाग (डीओजे) के अटॉर्नी जनरल मेरिक बी. गारलैंड को एक पत्र लिखने के कुछ दिनों बाद आई है. जिसमें उन्होंने स्पष्टीकरण मांगा था कि विभाग, अडाणी समूह के खिलाफ भारत के बाहर मामला क्यों चला रहा है.

अपने व्यक्तिगत नोट में एंडरसन ने लिखा कि लगभग 100 व्यक्तियों पर नियामकों द्वारा कम से कम आंशिक रूप से उनकी फर्म के काम के माध्यम से अरबपतियों और कुलीन वर्गों सहित नागरिक या आपराधिक आरोप लगाए गए हैं.

हिंडनबर्ग ने जिन समूहों के खिलाफ आरोप लगाए हैं उनमें एबिक्स, आइएनसी ग्रुप- एक फिनटेक कंपनी, वैग्स कैपिटल- यूटा के फाइनेंशियल इंफ्लुएंसर आरोन वैगनर द्वारा संचालित एक निवेश फर्म, नानबन वेंचर्स- एक निजी निवेश फर्म और टिंगो ग्रुप- एक अफ्रीकी फिनटेक समूह शामिल है.

एंडरसन ने अपने नोट में हिंडनबर्ग को बंद करने को लेकर लिखा, “शुरुआत में मुझे नहीं पता था कि क्या कोई संतोषप्रद रास्ता खोजना संभव होगा. यह एक आसान विकल्प नहीं था, लेकिन मैं खतरे के प्रति नासमझ था और इसकी ओर आकर्षण महसूस करता था. अब मैं हिंडनबर्ग को अपने जीवन में एक अध्याय के रूप में देखता हूं, न कि एक केंद्रीय चीज के रूप में, जो मुझे परिभाषित करती है.”

Also see
article imageअडाणी हिंडनबर्ग मामला: सुप्रीम कोर्ट का एसआईटी जांच से इनकार
article imageअडानी-हिंडनबर्ग विवाद: शाह धंधरिया एंड कंपनी क्या धर्मेश पारिख ग्रुप की मुखौटा कंपनी है?

Comments

We take comments from subscribers only!  Subscribe now to post comments! 
Already a subscriber?  Login


You may also like