चांदनी चौक: मतदान से पहले मुस्लिम इलाकों, कांग्रेस उम्मीदवार के पड़ोस में सबसे ज्यादा वोट कटे

जिन विधानसभाओं में मुस्लिम और पिछड़ी जाति के मतदाताओं की संख्या ज्यादा है, वहां नाम कटने की दर अधिक है. कई बीएलओ गलत तरीके से नाम कटने की बात स्वीकार करते हैं, और कहते हैं कि उन्हें कई घरों में ताला लगा मिला.

WrittenBy:सुमेधा मित्तल
Date:
Article image

वोटर लिस्ट में हुई विसंगतियों के मामले में न्यूज़लॉन्ड्री की पड़ताल के अन्य भाग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.

अमजद के परिवार की तीन पीढ़ियां चांदनी चौक निर्वाचन क्षेत्र में हवेली आज़म खां के नाम से पहचाने जाने वाले एकदम सटकर बने घरों के झुण्ड में रहती हैं. यह इलाका दिल्ली की ऐतिहासिक जामा मस्जिद से पैदल की दूरी पर है, और इस परिवार के 23 सदस्य मतदान केंद्र 10 पर पंजीकृत मतदाता हैं. लेकिन पिछले साल लोकसभा चुनावों के दौरान अमजद को पता चला कि वह अपने परिवार के उन 20 लोगों में से एक हैं, जिनका नाम मतदाता सूची से इस वजह से काट दिया गया कि उन्होंने अपना घर बदल लिया है.

55 वर्षीय अमजद ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया, "हमारे सामने ये पहली बार हुआ है. लेकिन नाम कटने के बारे में सबसे ज्यादा निराशाजनक बात ये थी कि इसका पता मतदान के दिन ही चला. जब हम पहली बार बूथ 10 पर गए तो उन्होंने हमें बताया कि उन्हें मतदाता सूची में हमारा नाम नहीं मिला. इसलिए हमें जामा मस्जिद में किसी दूसरे बूथ पर जाकर देखना चाहिए. वहां से हमें दूसरे बूथ पर भेज दिया गया. इस तरह हमने पांच से छह बूथों का दौरा किया. और फिर अंत में हमें जो कारण बताया गया, वो यह था कि शायद घर-घर जाकर सर्वेक्षण के दौरान बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) को हम घर पर नहीं मिले इसलिए उन्होंने हमारे नाम काट दिए.”

अमजद उन 36,815 मतदाताओं में से हैं, जिनके नाम चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र के 1,377 बूथों से हटा दिए गए. उनके विधानसभा क्षेत्र- जिसका नाम लोकसभा सीट की तरह चांदनी चौक ही है- में इस लोकसभा सीट के अंतर्गत नौ अन्य विधानसभाओं की तुलना में, सूची से हटाए गए मतदाताओं का प्रतिशत सबसे ज्यादा था. लेकिन न्यूज़लॉन्ड्री ने चांदनी चौक में इन विलोपनों (नाम काटे जाने) का एक ठोस पैटर्न पाया, और इस श्रृंखला में जांच की गई दो अन्य लोकसभा सीटों की तरह ही इनमें से कई मतदाता सूची संशोधन चुनाव आयोग के मानदंडों का उल्लंघन करते थे.

नाम हटाने की दर के मामले में चांदनी चौक विधानसभा के बाद सदर बाजार और शकूर बस्ती का नंबर आता है. तीनों विधानसभा क्षेत्रों में 3 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं के नाम हटाए गए, और इन सभी सीटों पर सबसे बड़ी आबादी मुस्लिम या पिछड़ी जाति की थी.

नाम हटाए जाने की दर सबसे कम मॉडल टाउन विधानसभा में रही, जिसकी आबादी में अधिकतर अगड़ी जाति के हिंदू और पंजाबी हैं और यहां विलोपन की दर 1 प्रतिशत से भी कम रही. चांदनी चौक विधानसभा की तुलना में मॉडल टाउन में लगभग 50,000 अधिक मतदाता थे.

Subscribe now to unlock the story


paywall image

Why should I pay for news?

Independent journalism is not possible until you pitch in. We have seen what happens in ad-funded models: Journalism takes a backseat and gets sacrificed at the altar of clicks and TRPs.

Stories like these cost perseverance, time, and resources. Subscribe now to power our journalism.

  • Paywall stories on both Newslaundry and The News Minute
  • Priority access to all meet ups and events, including The Media Rumble
  • All subscriber-only interaction – NL Chatbox and monthly editorial call with the team
  • Stronger together merch – Fridge magnets and laptop stickers on annual plan

500

Monthly

4999

Annual
1001 off

Already a subscriber? Login

You may also like