उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने ‘ऐसे मतदाताओं’ से छुटकारा पाने के लिए तंत्र की कमी की ओर इशारा करते हुए कहा कि वह ‘चुनाव आयोग से इसे ठीक करने का अनुरोध करेंगे.’
क्या आपको अपना वोटर आईडी कार्ड देखने पर पूरा पता दिखाई देता है? अगर आप मेरठ में हैं, तो शायद आपको पता दिखाई न दे. कम से कम तब तक, जब तक कि आप यह न मान लें कि सिर्फ “उत्तर प्रदेश”, या “झुग्गी” या “नया” ही एक पता है.
बिलकुल खाली कॉलम या ऐसे ही शब्द, मेरठ लोकसभा सीट के अंदर आने वाली मेरठ कैंट विधानसभा सीट के बूथ 305 की मतदाता सूची में 86 मतदाताओं के पते थे. इसी बूथ पर करीब 240 मतदाता आरएचए कॉलोनी के पते के साथ पंजीकृत हैं. लेकिन असल में ऐसी कोई कॉलोनी है ही नहीं.
मेरठ में, भाजपा के अरुण गोविल ने समाजवादी पार्टी की सुनीता वर्मा को 10,000 से अधिक मतों के अंतर से हराकर जीत हासिल की. लेकिन इससे पहले चुनाव आयोग ने कुल 61,365 मतदाताओं के नाम सूची से हटाए. साथ ही 1 लाख से अधिक नए मतदाता जोड़े गए. लेकिन न्यूज़लॉन्ड्री ने जब इस पूरे निर्वाचन क्षेत्र में पड़ने वाले 2,042 बूथों की पड़ताल की तो अजीबोगरीब रुझान मिले.
उदाहरण के लिए, सिर्फ दो बूथों पर 336 फर्जी मतदाता थे.
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