नंद नगरी में यूं तो ट्रैफिक पुलिस मुस्तैदी से तैनात नजर आती है लेकिन फिर आप पाएंगे कि ट्रैक्टर, ऑटो, सवारी गाड़ियां और मालवाहक ट्रक, सब धड़ल्ले से नियमों की धज्जियां उड़ाते सड़क पर दौड़ रहे हैं.
दिल्ली की ट्रैफिक पुलिस ने दिल्ली की सड़कों पर दौड़ रही तमाम अवैध गाड़ियों को दौड़ने की इजाजत कैसे दे रखी है, उस सिस्टम के बारे में अवधेश कुमार ने पता लगाया. दरअसल, दिल्ली ट्रैफिक के लिहाज से करीब 50 सर्किल में बंटी हैं. उत्तर पूर्वी दिल्ली यानि उत्तर प्रदेश की सीमा से सटी दिल्ली में ऐसे ही तीन सर्कल आते हैं.
इनमें से एक सर्किल है नंद नगरी सर्किल.
यहां चप्पे-चप्पे पर ट्रैफिक पुलिस मुस्तैदी से तैनात नजर आती है लेकिन फिर आप पाएंगे कि ट्रैक्टर, ऑटो, सवारी गाड़ियां, माल ढोने वाले वाहन ट्रक सब सड़क पर धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं. थोड़ी बारीकी से गौर करेंगे तो पाएंगे कि ये सब जैसे पुलिसवालों को दिखाई ही नहीं दे रहे हैं. तो क्या वजह है कि पुलिस इन्हें रोकती नहीं.
इसका पता लगाने के लिए रिपोर्टर अवधेश कुमार ने 1 महीने तक नंद नगरी सर्किल में खाक छानी. उन्हें एक संगठित तंत्र के बारे में पता चला जिसके चार हिस्से हैं. जिसमें ट्रैफिक पुलिस, तफ्तीशी, मार्का माफिया और अवैध वाहन चालक शामिल हैं. ये चारों मिलकर दिल्ली की ट्रैफिक व्यवस्था की हर दिन धज्जी उड़ाते हैं. अवधेश कुमार ने अपनी रिपोर्ट में इन्हीं की मिलीभगत को उजागर किया है.
तो आखिर तफ्तीशी कौन हैं? क्या इनकी पुलिस से सांठगांठ है? दिल्ली पुलिस का इन आरोपों पर क्या कहना है? इन सब सवालों के जवाब जानने के लिए तो आपको अवधेश कुमार की ये विस्तृत रिपोर्ट पढ़नी चाहिए जो सिर्फ हमारे सब्सक्राइबर्स के लिए उपलब्ध है.