भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने कंपनी पर 2021 की प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर जुर्माना लगाया है. जिसमें मेटा के साथ डाटा साझा करना अनिवार्य कर दिया गया था.
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने सोमवार को व्हाट्सएप पर 213.14 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया. मार्क जुकरबर्ग के स्वामित्व वाली मेटा कंपनी व्हाट्सएप की सेवाएं प्रदान करती हैं.आयोग ने पाया कि मेटा ने व्हाट्सएप की 2021 की गोपनीयता नीति (प्राइवेसी पॉलिसी) लागू करने के संबंध में अपनी ‘मजबूत स्थिति’ का दुरुपयोग किया.
कंपीटीशिन कमीशन ऑफ इंडिया की ओर से जारी एक प्रेस रिलीज में कहा गया है कि उसने मेटा और व्हाट्सएप को बंद करने और रोकने के निर्देश जारी किए हैं और कुछ व्यवहार संबंधी उपायों को लागू करने के लिए भी कहा है.
प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, "आयोग ने मेटा और व्हाट्सएप को एक निर्धारित समय सीमा के भीतर कुछ व्यवहार संबंधी उपायों को लागू करने का निर्देश दिया है."
दरअसल, जनवरी 2021 में, व्हाट्सएप ने यूजर्स को 8 फरवरी, 2021 से प्रभावी अपनी सेवा की शर्तों और गोपनीयता नीति के अपडेट के बारे में सूचित किया था. इस अपडेट में कहा गया है कि यूजर्स को प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग जारी रखने के लिए नई शर्तों को स्वीकार करना होगा.
इस बार 25 अगस्त, 2016 की पिछली गोपनीयता नीति के विपरीत बात कही गई थी. तब यूजर्स को फेसबुक के साथ डाटा साझा करने से ऑप्ट आउट यानि मुकरने की अनुमति दी गई थी. लेकिन अपडेट की गई नीति ने मेटा के साथ डाटा साझा करना अनिवार्य कर दिया.
यूजर्स को इन शर्तों को स्वीकार करना आवश्यक था, जिसमें व्हाट्सएप तक पहुंच बनाए रखने के लिए डाटा संग्रह और साझा करने का विस्तारित दायरा शामिल था. सीसीआई को व्हाट्सएप की इस नीति के बारे में जानकारी मिली और उसने जांच शुरू की.
आयोग ने पाया कि व्हाट्सएप नीति का 2021 का अपडेट 'इसे ले लो या छोड़ दो' के आधार पर था. जो सही नहीं कहा जा सकता. आयोग के अनुसार, यह नीति सभी यूजर्स को मेटा ग्रुप के भीतर डाटा साझा करने की शर्त को स्वीकार करने के लिए बाध्य करती है, बिना इससे बाहर निकलने के विकल्प के.
आयोग ने अपने आदेश में व्हाट्सएप को अपने प्लेटफॉर्म पर एकत्र किए गए डाटा को मेटा कंपनी या उसके उत्पादों के साथ पांच (5) वर्षों तक साझा नहीं करने का निर्देश दिया है. साथ ही कंपनी पर 213 करोड़ रुपये से ज्यादा का जुर्माना भी लगाया है.