कांग्रेस नेता राहुल गांधी की नई रणनीति के तहत मुख्यधारा के मीडिया को महत्व नहीं दिया जाता. इसके बजाय, उनके कैंपेन ने वीडियो-फर्स्ट का फॉर्मूला अपनाया और राहुल गांधी को भारतीय इंटरनेट की लोकप्रिय शख्सियतों में से एक बना दिया.
दिवाली से कुछ दिन पहले नेता विपक्ष राहुल गांधी के यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो आया. इस वीडियो में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मीडिया और प्रचार विभाग के अध्यक्ष पवन खेड़ा राहुल गांधी को बता रहे थे कि कैसे माधवी बुच की भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति से अडाणी समूह को फायदा हुआ. यह 'सिंडिकेट' सीरीज का दूसरा वीडियो था. इसके पहले वीडियो में राहुल को एक रामलीला में सम्मिलित होते हुए दिखाया गया था, जहां वह धनुष-बाण पकड़े हुए थे और रावण के पुतले पर निशाना साध रहे थे. इन वीडियोज़ से बिल्कुल स्पष्ट है कि इस प्रोजेक्ट के नायक राहुल गांधी हैं.
राहुल के चैनल पर इस वीडियो को 18 घंटों के भीतर 108,489 बार देखा गया. इंकलाब इंडिया जैसे सोशल मीडिया हैंडलों ने इंस्टाग्राम पर वीडियो की जानकारी के साथ पोस्ट डालना शुरू कर दिया, जिसका श्रेय उन्होंने "राहुल गांधी की टीम" को दिया. जबकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर इसी वीडियो को केवल 5,400 बार देखा गया. उक्त वीडियो में खेड़ा ने खुद ही कहा था कि "जब तक राहुल गांधी कोई मुद्दा नहीं उठाते, वह मुद्दा आगे नहीं बढ़ता."
खेड़ा का वक्तव्य दर्शाता है कि कांग्रेस पार्टी के भीतर राहुल गांधी का वर्चस्व है और उनके ऑनलाइन फॉलोवर्स का भी कितना महत्व है. 2022 की भारत जोड़ो यात्रा के बाद से राहुल गांधी की इंटरनेट पर उपस्थिति प्रभावशाली रूप से बढ़ गई है, विशेषकर यूट्यूब पर, जो कम से कम इस साल जनवरी तक भारत में सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म था. यूट्यूब के अलावा, राहुल एक्स (पूर्व में ट्विटर), फेसबुक, इंस्टाग्राम पर भी सक्रिय हैं और टेलीग्राम पर उनका अपना चैनल है. उनके वीडियो अच्छी तरह शूट किए जाते हैं, जिसमें उनके अच्छे लुक्स का भरपूर इस्तेमाल किया जाता है. और पेशेवर रूप से इस तरह संपादित किया जाता है कि वह शॉर्ट फिल्मों की तरह लगते हैं. फिर भी, ध्यान रखा जाता है कि वीडियोज़ में एक निश्चित अंतरंगता बनी रहे और वह बहुत अधिक कुशलता से बनाया गया न लगे. ऐसा लगता है कि कैमरा राहुल का दोस्त है, और जो कुछ भी दिखाया जा रहा है उसकी शायद ही कोई तैयारी की गई है या फिर वह केवल प्रदर्शन के लिए किया जा रहा है.
वीडियोज़ में राहुल को खाना बनाते हुए, खेतिहर मजदूरों को अपने घर बुलाते हुए, किसानों के साथ धान के खेतों में घूमते हुए, और बचपन की यादें ताज़ा करते हुए देखा जा सकता है, और वह पूरे समय अपने आसपास के लोगों को सुनते रहते हैं. हर वीडियो उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की आलोचना करने का अवसर देता है.
"बताइए मैं आपके लिए क्या कर सकता हूं," राहुल गांधी लोगों से पूछते हैं. इस सवाल के ज़रिए वह खुद को एक ऐसे राजनेता के रूप में स्थापित करते हैं जो उन लोगों के जीवन में एक ठोस बदलाव लाना चाहता है. उनकी इस बात में यह सवाल भी छिपा होता है कि क्या सत्ता में बैठे लोग पर्याप्त रूप से उन मतदाताओं के लिए काम कर रहे हैं, जिनकी सेवा करने की उनसे अपेक्षा की जाती है.
यूट्यूब पर मोदी बनाम राहुल गांधी
राहुल गांधी की निजी यूट्यूब टीम में 10 लोग और तीन बंदर नाम की मुंबई स्थित कम्युनिकेशन और मार्केटिंग कंपनी है. इसके अलावा और लोग भी हैं, जो कंटेंट और स्ट्रैटेजी पर विचार-विमर्श करते हैं. इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर साझा किया जाने वाला कंटेंट आमतौर पर उनके यूट्यूब चैनल पर अपलोड किए गए वीडियो से बनाया जाता है. कंटेंट की मात्रा को लेकर एक कांग्रेस नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि ''इस ओर हमें और अधिक काम करना होगा".
पहले राहुल सोशल मीडिया को लेकर इतने उत्साहित नहीं रहते थे, लेकिन इन दिनों वह इसका अधिक आनंद ले रहे हैं. "वह नियमित रूप से पता करते हैं कि उनके वीडियो कितने लोगों ने देखे. शुरुआती झिझक के बाद अब वह इसमें अधिक शामिल होते हैं," उक्त नेता ने कहा.
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