डंकापति: भैंस टू बहन-बेटी वाया मंगलसूत्र और मिथुन चक्रवर्ती

दिन ब दिन की इंटरनेट बहसों और खबरिया चैनलों के रंगमंच पर संक्षिप्त टिप्पणी.

WrittenBy:अतुल चौरसिया
Date:
   

टिप्पणी में लंबे वक्त बाद धृतराष्ट्र-संजय संवाद की वापसी हो रही है. आर्यावर्त में त्यौहारों की हलचल थी. एक त्यौहार जाता, दूसरा आता. इसी बीच चुनावी त्यौहार भी आ-जा रहे थे. इस आपाधापी में दरबार लंबे समय से स्थगित था. धृतराष्ट्र के साथ-साथ डंकापति की अनुपस्थिति भी लंबा खिंच गई थी. जनता के बीच अफवाहें और अटकलबाजियां पैर फैलाने लगी थी. तब संजय ने धृतराष्ट्र को संदेश भेजा कि लंबे वक्त तक दरबार का स्थगित रहना ठीक नहीं.

रियाया के बीच गलत संदेश जा सकता है. धृतराष्ट्र को संजय की बात में दम नज़र आया. यह विचार कर उन्होंने दरबार सजाने का हुक्म दिया. तय समय पर संजय मय दरबारी सभा में उपस्थित हुए.

देखिए इस हफ्ते की खास टिप्पणी.

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