दिन ब दिन की इंटरनेट बहसों और खबरिया चैनलों के रंगमंच पर संक्षिप्त टिप्पणी.
बहराइच में हुए सांप्रदायिक दंगे से जुड़ी नई-नई खबरें सामने आ रही हैं. बहराइच पुलिस ने मृतक रामगोपाल मिश्रा की गोली मारकर हत्या करने वाले पांच में से दो आरोपियों को एक मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया है. पुलिस की कहानी दिलचस्प है. जब पुलिस टीम हत्या के लिए इस्तेमाल किए गए हथियार को बरामद करने के लिए सरफराज और मोहम्मद तालिब को जंगल में ले गई, तब उन्होंने उसी हथियार से पुलिस को मारना चाहा. जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने दोनों के पांव में गोली मार दी.
खबरिया चैनलों के हुड़कचुल्लुओं ने इस घटना का वीडियो बेहद मसालेदार और सनसनीखेज ढंग से एक्सक्लूसिव का टैग लगाकर चलाया, मानो किसी एक्शन फिल्म का सीन चल रहा हो. इसी बीच न्यूज़18 इंडिया की एंकरा रुबिका लियाकत तराजू लेकर अपराध तौलने लगीं. एकदम न्याय की देवी टाइप भूमिका में. उनकी इच्छा थी कि तौल कर बताया जाए कि किसी के छत पर चढ़कर झंडा फहराना बड़ा अपराध है या फिर उसकी हत्या कर देना बड़ा अपराध है.
दूसरी तरफ चित्रा त्रिपाठी हैं जिन्होंने अपनी नई पारी की शुरुआत सनसनी और फेक न्यूज़ से की. देखिए ताज़ा टिप्पणी.