हरियाणा: खेल, खिलाड़ी और राजनीति का ‘कुरुक्षेत्र’

इस पूरी बातचीत का मकसद बीते सालों के दौरान हरियाणा सरकार द्वारा अपनाई गई खेल नीति, खिलाड़ियों को दी जाने वाली सुविधाएं और उनकी चुनौतियों जैसे विषयों को समझना था.

हरियाणा की संस्कृति में खेल का एक खास स्थान है. इसलिए यहां खेल और खिलाड़ियों को लेकर राजनीतिक भी होती रहती है. 

एक और चुनावी शो में' हम इस बार हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के एक गांव में पहुंचे. यहां अंतरराष्ट्रीय बॉक्सर मनोज कुमार के नाम से एक बॉक्सिंग अकादमी चल रही है. इस अकादमी में हमारी मुलाकात बॉक्सिंग कोच राजेश कुमार राजौंद और राष्ट्रीय स्तर के धावक रणदीप कुंडू से हुई. उनसे हमने हरियाणा के खेलों और खिलाड़ियों के सामने आने वाली चुनौतियों समेत तमाम विषयों पर बात की.  

इस दौरान हरियाणा सरकार द्वारा खेलों में दिए गए योगदान, खेल संबंधी सुविधाएं उपलब्ध करवाने और खेल नीति आदि मसलों पर भी खुलकर चर्चा की.  

बातचीत के दौरान राजेश राजौंद कहते हैं, “10 साल पहले भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार थी. वे एक नीति लेकर आए कि 'पदक लाओ, पद पाओ’. इस नीति के तहत खिलाड़ियों को अलग-अलग सरकारी विभागों जैसे- पुलिस विभाग, गृह मंत्रालय, फूड- सप्लाई विभाग, पंचायत विभाग इत्यादि में स्पोर्ट्स कोटा के तहत नियुक्ति मिली. लेकिन इसके बाद भाजपा सरकार ने इस नीति के तहत खिलाड़ियों की नियुक्ति को केवल खेल विभाग तक सीमित कर दिया. जिससे खिलाड़ियों के लिए अवसर का दायरा बहुत सीमित हो गया. साथ ही एक ही विभाग में खिलाड़ियों की नियुक्ति के कारण विवाद भी ज्यादा होने लगे.”

देखिए खेल, खिलाड़ी और राजनीति के कुरुक्षेत्र पर हमारी ये पूरी बातचीत. 

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