सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को बड़ी राहत दी है.
आबकारी नीति मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. विधानसभा चुनावों की सरगर्मी के बीच कोर्ट से उन्हें सशर्त जमानत मिल गई है.
जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि केजरीवाल इस दौरान आबकारी नीति मामले को लेकर किसी तरह की टिप्पणी नहीं करेंगे.
मालूम हो कि इससे पहले पीठ ने सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी मामले में दायर जमानत याचिकाओं पर सुनवाई के बाद 5 सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, “याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, “केजरीवाल की गिरफ्तारी कानूनी थी और इसमें कोई प्रक्रियागत अनियमितता नहीं थी. इस तर्क में कोई दम नहीं है कि सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार करते समय दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41 के निर्देशों का पालन नहीं किया.”
हालांकि, सारे जज केजरीवाल को जमानत देने के फैसले पर एकमत थे. जजों का तर्क था कि कथित मामले में आरोपपत्र दाखिल हो चुका है और निकट भविष्य में मुकदमा पूरा होने की संभावना नहीं है.
लाइव लॉ के अनुसार, जहां जस्टिस सूर्यकांत ने गिरफ्तारी को कानूनन सही ठहराया वहीं, जस्टिस भुइयां ने कहा कि सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी केवल मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केजरीवाल को दी गई जमानत को विफल करने के मकसद की गई थी.
बता दें कि जुलाई में सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में अंतरिम जमानत दी थी. कथित दिल्ली आबकारी मामले में केजरीवाल के खिलाफ ईडी द्वारा केस दर्ज़ किया गया था. इस बीच केजरीवाल तिहाड़ जेल में ही रहे, क्योंकि उन्हें 25 जून को कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के आरोपों में सीबीआई द्वारा उन्हें गिरफ्तार किया जा चुका था.
बता दें कि अदालत ने इससे पहले केजरीवाल को लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करने के लिए 1 जून तक अंतरिम जमानत दी थी.
केजरीवाल को दिल्ली आबकारी नीति मामले में ईडी ने पहली बार 21 मार्च, 2024 को गिरफ्तार किया था. केजरीवाल की गिरफ्तारी आम चुनाव से कुछ हफ़्ते पहले हुई थी. इस गिरफ्तारी से पहले उन्हें ईडी द्वारा नौ समन भेजे जा चुके थे.
बता दें कि उस वक्त दिल्ली हाईकोर्ट ने आबकारी नीति मामले में केजरीवाल को किसी भी प्रकार की अंतरिम राहत देने इनकार कर दिया था और इनकार करने के कुछ ही घंटों बाद सीबीआई दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल की गिरफ्तारी के लिए उनके आवास पर पहुंची थी. गिरफ्तारी से पहले, कई आप नेताओं ने दिल्ली के मुख्यमंत्री के खिलाफ “बड़ी साजिश” होने का आरोप लगाया था.
बाद की अदालती कार्यवाही के दौरान, ईडी ने केजरीवाल को कथित आबकारी घोटाले का “सरगना” करार दिया था.
केजरीवाल की गिरफ्तारी लेकर न्यूज़लॉन्ड्री द्वारा की गई विस्तृत रिपोर्ट यहां पढ़ें .
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