नरेला जैसे इलाकों में डीडीए के दांव के बाद भी इस इलाके की किस्मत फिर से पटरी पर आने की संभावना नहीं है.
6 अगस्त को, दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने द्वारका, रोहिणी, जसोला, नरेला, लोक नायकपुरम और सिरसपुर जैसे इलाकों में सस्ती, मध्यम आय और उच्च आय वाली श्रेणियों में 39,573 फ्लैट बेचने के लिए 2024 के लिए तीन आवास योजनाओं का ऐलान किया. यह पहली बार नहीं है जब इन इलाकों में खरीदारों को फ्लैट ऑफर हुए हैं, लेकिन इस बार ऐसा लगता है कि सब कुछ पहले की तरह ठीक नहीं है.
एक वक्त में, रियल एस्टेट की दुनिया में डीडीए फ्लैट की भारी मांग थी. डीडीए फ्लैट्स अकसर दिल्ली में ही बनाए जाते थे लेकिन ये दूर-दराज के इलाके में होते थे. लेकिन फिर भी ये उस वादे को पूरा करते थे कि ये फ्लैट्स दिल्ली में हैं.
मिसाल के लिए, 1980 के दशक में, डीडीए ने वसंत कुंज में फ्लैटों को ऑफर किया. ये इलाका उस वक्त आज की तरह रचा-बसा नहीं था. इस इलाके में तब कनेक्टिविटी भी अच्छी नहीं थी.
डीडीए फ्लैट्स लंबी वेटिंग लिस्ट के लिए जाने जाते हैं. इसके लिए लोगों ने लंबा इंतजार भी किया क्योंकि डीडीए फ्लैट हासिल करना लॉटरी जीतने जैसा था.
डीडीए के मुताबिक, उनकी आवास योजनाएं 2000 के दशक में अच्छी तरह से फलती फूलती रहीं. लेकिन अब हालात इससे उलट हैं. डीडीए अपनी नई परियोजनाओं को बेचने के लिए संघर्ष कर रहा है.
विशेष तौर पर ये परियोजनाएं नरेला में स्थित हैं.
नरेला के एक प्रॉपर्टी डीलर ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया, "डीडीए इन फ्लैटों को बेचने में सक्षम नहीं है. यहां तक कि जो बिक चुके हैं, उनका भी कोई मालिक यहां नहीं रहता."
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