दिन ब दिन की इंटरनेट बहसों और खबरिया चैनलों के रंगमंच पर संक्षिप्त टिप्पणी.
गए हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूक्रेन और पोलैंड के दौरे पर थे. वहां उन्होंने एक बार फिर से वॉर रुकवाने का प्रबंध किया. यह बात अलग है कि उनके लौटने के चौबीस घंटे के भीतर वॉर इंटेसिफाई हो गई.
खबरिया चैनलों पर पॉ-पॉ के वॉर रुकवाने के किस्से छाए रहे.
लगे हाथ हमने उन वरिष्ठ पत्रकार की बात भी इस हफ्ते टिप्पणी में विस्तार से की है जो बीते कुछ दिनों से मीडिया महकमे के रोज़ाना परिचर्चा की खुराक बन गए हैं. जी,हां… दिलीप चंद्र मंडल.
साथ ही बहुत दिनों बाद बात डंकापति की भी हुई. आखिर क्यों डंकापति और यू-टर्न इन दिनों एक ही वाक्य में इस्तेमाल होने वाले शब्द बन गए हैं.
इन सब मुद्दों पर बात होगी लेकिन एक और जरूरी बात भी करनी है आपसे. हरियाणा के साथ दस साल बाद जम्मू कश्मीर में भी विधानसभा चुनाव होने जा रहा है. जम्मू कश्मीर में धारा 370 के खात्मे के बाद हालात काफी बदल चुके हैं. जनता की नब्ज जानने के लिए हम होंगे ग्राउंड पर. जम्मू कश्मीर और हरियाणा की चुनावी कवरेज के लिए हमारा नया एनएल सेना प्रोजेक्ट जारी है. इसमें योगदान कीजिए और हां इस वीडियो को लाइक, शेयर और सब्सक्राइब जरूर करें.