फिलिस्तीन संघर्ष को दिखाने वाली महिला पत्रकार के एमी पुरस्कार नामांकन का विरोध

बिसन ओवदा पर आरोप लगाया है कि उनका संबंध पॉपुलर फ्रंट फॉर द लिबरेशन ऑफ़ फिलिस्तीन से है. इस संगठन को अमेरिका और यूरोपीय यूनियन ने आतंकवादी घोषित किया हुआ है.

फिलिस्तीन संघर्ष को दिखाने वाली महिला पत्रकार बिसन ओवदा

एमी  पुरस्कार के लिए नामांकित फिलस्तीनी पत्रकार बिसन ओवदा के बचाव में स्वयं एमी आगे आया है. बिसन ओवदा ने एमी अवार्ड्स 2024 की डॉक्यूमेंट्री श्रेणी के पुरस्कार के लिए नामांकन किया था. इनकी डॉक्यूमेंट्री  फिल्म का नाम  “इट्स बिसन फ्रॉम गाज़ा एंड आई एम स्टिल अलाइव” है जिसे अल-जज़ीरा के सहयोग से बनाया गया था. 

25 वर्षीय पत्रकार बिसन ओवदा के नामांकन का विरोध क्रिएटिव कम्युनिटी फॉर पीस (सीसीपी) नामक संस्था ने एक खुले पत्र  के माध्यम से किया. बता दें कि कथित संस्था एक गैर लाभकारी संगठन है जो इजरायली हितों की पक्षधर रही है.

इस पत्र में कथित पत्रकार के नामांकन को रद्द करने की मांग की गई है. संस्था ने बिसन ओवदा पर यह आरोप लगाया कि उनका संबंध पॉपुलर फ्रंट फॉर द लिबरेशन ऑफ़ फिलिस्तीन से है. संगठन को अमेरिका और यूरोपीय यूनियन ने आतंकवादी घोषित किया है. पत्र में 150 से अधिक जाने-माने लोगों के हस्ताक्षर हैं. जिसमें फिल्म और संगीत जगत के कई कलाकार हैं, जिसमें अभिनेता सेल्मा ब्लेयर और डेबरा मेसिंग जैसे प्रमुख नाम हैं.

इस पत्र में इस बात पर गहरी चिंता जाहिर की गई कि नामांकित पत्रकार पॉपुलर फ्रंट फॉर द लिबरेशन ऑफ़ फिलिस्तीन (पीएफएलपी) की रैलियों में सक्रिय रूप से भाग लेती रही हैं और यहूदी विरोध संबंधी सामग्री का प्रचार-प्रसार भी करती रही हैं. ऐसे व्यक्ति को एमी पुरस्कार से सम्मानित करना एक आतंकवादी संगठन को वैधता प्रदान करने के जैसा है. यह कृत्य एमी पुरस्कार की प्रमाणिकता और निष्ठा पर प्रश्न-चिन्ह लगाता है. 

क्रिएटिव कम्युनिटी फॉर पीस (सीसीपी)  संस्था द्वारा लगाए गए आरोपों के जवाब में एमी एकेडमी के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी एडम शार्प ने कहा कि नामांकित व्यक्तियों का चयन अनुभवी पत्रकारों सहित दो पैनल द्वारा किया गया था. उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि एकेडेमी को इस बात का कोई सबूत/प्रमाण नहीं मिला है कि बिसन ओवदा का वर्तमान में पॉपुलर फ्रंट फॉर द लिबरेशन ऑफ़ फिलिस्तीन (पीएलएफपी) से किसी प्रकार का संबंध है.

बता दें कि बिसन ओवद ने अपनी आठ मिनट की डॉक्यूमेंट्री में साल 2023 के अक्टूबर माह का चित्रण किया है. डॉक्यूमेंट्री में उन्होंने दिखाया है कि कैसे उनके परिवार को अपना शहर छोड़ना पड़ा और गाज़ा शहर के अल-शिफा अस्पताल के बाहर टेंट में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा. इसके अलावा इसमें उन्होंने गाज़ा के अन्य लोगों के भी जीवन को दिखाया जिसमें 11 वर्षीय एक बच्चा शामिल है, जिसके माता-पिता की मृत्यु इजरायली सेना द्वारा उसके घर पर की गई बमबारी के दौरान हो गई. इसी डॉक्यूमेंट्री फिल्म के लिए उन्हें पूर्व में अमेरिकी पत्रकारिता के सर्वोच्च सम्मान पीबॉडी से भी नवाजा जा चुका है.

एमी अवार्ड्स अमेरिका द्वारा दिया जाने वाला पुरस्कार है. इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को अंतराष्ट्रीय टेलीविज़न में सर्वोच्च /उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए व्यक्तियों या संगठन को दिया जाता है. साल 2023 में फिल्म निर्माता एकता कपूर एमी पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं.

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