देशभर में डॉक्टरों का प्रदर्शन जारी है. इस बीच मंत्रालय ने व्यापक जनहित को देखते हुए आंदोलनकारी डॉक्टरों से अपनी ड्यूटी फिर शुरू करने का अनुरोध किया है.
कोलकाता के आर.जी. कर हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ 8-9 अगस्त की दरम्यानी रात को हुए कथित रेप और हत्या के मामले के बाद पूरा देश गुस्से में है. डॉक्टरों का प्रदर्शन जारी है. शुक्रवार को भी दिल्ली समेत देशभर के अलग-अलग हिस्सों में डॉक्टरों ने प्रदर्शन किया. शुक्रवार दोपहर करीब दो बजे देखते ही देखते दिल्ली के निर्माण भवन के बाहर भी हजारों डॉक्टरों की भीड़ लग गई. भीड़ से नारेबाजी के दौरान आवाजें आ रही थीं कि जब तक स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा हमसे मिलने नहीं आते हैं और डॉक्टरों के लिए सख्त कानून नहीं बनाए जाते हैं, तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा.
बीच-बीच में बारिश भी होती रही. हालांकि, प्रदर्शनकारी डॉक्टरों पर इसका कोई असर नहीं पड़ा. छाता लेकर डॉक्टर प्रदर्शन में नारेबाजी करते रहे. प्रदर्शनकारी डॉक्टर रेप और हत्या के आरोपी को फांसी की सजा दिलाए जाने की मांग कर रहे हैं. हमने इस प्रदर्शन में शामिल हुए डॉक्टर्स से बातचीत की.
डॉक्टरों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती हैं, तब तक अनिश्चितकाल के लिए धरना जारी रहेगा.
डॉक्टर सीपीए की भी मांग कर रहे हैं. सीपीए यानी सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट 2022. यह एक्ट डॉक्टरों, नर्सों एवं स्वास्थ्यकर्मियों और अस्पतालों को हिंसा से सुरक्षा प्रदान कराने के लिए बनाया गया है. इस कानून में दोषियों की बिना वारंट गिरफ्तारी, पांच लाख तक जुर्माना सहित पांच साल कैद तक की सजा का प्रावधान है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अगर यह सख्त कानून लागू होता है तो फिर किसी महिला के साथ ऐसी दरिंदगी नहीं होगी.
दरअसल, देश के 19 राज्यों में मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा के लिए कानून बनाए गए हैं. हालांकि, मेडिकल स्टाफ के खिलाफ हिंसा के लिए तैयार सीपीए को सदन में पेश किए जाने के बावजूद अभी तक कानून नहीं बनाया गया है.
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