दिन ब दिन की इंटरनेट बहसों और खबरिया चैनलों के रंगमंच पर संक्षिप्त टिप्पणी.
इस हफ्ते टिप्पणी में धृतराष्ट्र दरबार की वापसी हो रही है. डंकापति के राज में चल रही उलटबासियों पर संजय के साथ धृतराष्ट्र का संवाद. खास कर बाढ़ और तबाही के बीच लगातार पटरी से उतर रही ट्रेनों पर बातचीत. संजय के मुताबिक, आर्यावर्त की रियाया एक तरफ कुदरत की नाराज़गी झेल रही है तो दूसरी तरफ डंकापति का विकास बाल्टी में भर-भर कर उसे बहाए जा रहा है.
पिछले हफ्ते संसद भवन से लेकर खबरिया चैनलों के स्टूडियो तक जाति की जमकर चर्चा हुई. गोली मारो वाले भैया ने अब अपना प्रमोशन कर लिया है. वो अपनी गाली-गलौज लेकर संसद भवन के भीतर घुस गए हैं.
शागिर्द गाली-गलौज पर आमादा हैं, और हमारे प्रधानमंत्रीजी उस शागिर्द को आगे बढ़ाने में लगे हुए हैं. उन्होंने अनुराग ठाकुर का वह वीडियो अपने एक्स हैंडल से शेयर किया है, जिसमें ठाकुर “तुम्हारे मां-बाप कौन है” वाले अंदाज में अपशब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं. मजे की बात यह है कि लोकसभा अध्यक्ष ने अनुराग ठाकुर का जाति पर टिप्पणी वाला हिस्सा कार्यवाही से एक्सपंज करवा दिया था पर हमने पाया कि प्रधानमंत्री ने उस एक्सपंज हिस्से को भी शेयर किया है. थोड़ा कहना, ज्यादा समझना. आप सीधे टिप्पणी ही देख लीजिए.