कांवड़ियों ने बीते कुछ दिनों के भीतर कई जगहों पर तोड़फोड़ और लोगों के साथ मारपीट की है. खास बात ये है कि पुलिस भी इन मामलों में अभी तक कुछ खास कार्रवाई करती नहीं दिख रही है.
हर साल की तरह इस बार भी सावन की कांवड़ यात्रा जारी है. इस बीच कुछ ऐसा हुआ कि देशभर का ध्यान इस कांवड़ यात्रा पर केंद्रित हो गया. दरअसल, कांवड़ यात्रा मार्ग पर योगी सरकार ने सभी होटल, रेहड़ी- पटरी दुकानदारों को अपना नाम लिखकर चस्पा करने का फरमान दिया. जिसको लेकर काफी बवाल हो गया. हालांकि, बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस पर अंतरिम रोक लगा दी. अभी यह मामला शांत भी नहीं हुआ कि कुछ उपद्रवी कांवड़ियों ने हर साल की तरह इस बार भी सड़कों पर तांडव करना और आम लोगों को निशाना बनाना शुरू कर दिया.
कांवड़ियों ने बीते कुछ दिनों के भीतर कई जगहों पर तोड़फोड़ और लोगों के साथ मारपीट की. सबसे ताजा मामले की बात करें तो शुक्रवार 26 जुलाई की दोपहर कुछ कांवड़ियों ने दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर कांवड़ खंडित होने के आरोप में कार सवार मुस्लिम परिवार पर हमला कर दिया गया. साथ ही उनकी गाड़ी क्षतिग्रस्त कर दी.
इससे पहले गुरुवार 25 जुलाई की बात करें तो हरिद्वार में टोल प्लाजा के पास डीजे बजाने से मना करने के कारण कांवड़ियों के एक झुंड ने ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट की और एक पुलिसकर्मी का मोबाइल छीन लिया.
हरिद्वार के बहादराबाद में दर्ज एफआईआर के मुताबिक, उप निरीक्षक सुधांशु किशोर हरिद्वार टोल प्लाजा के पास हरिद्वार से दिल्ली आने वाले ट्रैफिक को नियंत्रित कर रहे थे. इस दौरान कुछ कांवड़िए टोल प्लाजा पर ही डीजे बजाकर नाचने लगे. जिससे आवाजाही खराब हो रही थी और ट्रैफिक रुक गया था. जब सुधांशु किशोर ने कांवड़ियों से हटने के लिए कहा तो उन्होंने लाठी डंडों से हमला कर दिया.
यह सिर्फ दो मामले ही नहीं हैं बल्कि बीते कुछ दिनों में कांवड़ियों द्वारा उपद्रव की ऐसी घटनाएं आम हो गई हैं. हैरानी की बात है कि अभी तक किसी मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. सवाल है कि क्या आस्था मानवता पर भारी पड़ रही है?
हम यहां कुछ बड़े घटनाक्रमों की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं.
पहला मामला, थाना छपार, मुजफ्फरनगर
रविवार 21 जुलाई को मुजफ्फरनगर में हरिद्वार-मेरठ हाईवे (एनएच-58) पर कुछ कांवड़िए लक्ष्मी फूड प्लाजा होटल और वहां खड़ी सफेद रंग की कार पर बुरी तरह तोड़फोड़ करते नजर आए. वायरल वीडियो में कांवड़िए बोल बम-बोल बम कर रहे हैं. जबकि कुछ कार के ऊपर चढ़ डंडों और ईटों से तोड़फोड़ कर रहे हैं. होटल के बाहरी हिस्से में भी कुर्सियां उछाली जा रही हैं. यही नहीं कांवड़ियों ने पुलिस की मौजूदगी में कार चालक को बेरहमी से पिटाई की. बचाव के लिए आई पुलिस पर भी कुर्सियां फेंकी गईं.
इस मामले में 22 जुलाई को पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की. थाना छपार जिला मुजफ्फरनगर में दर्ज एफआईआर के मुताबिक, पुलिस को 21 जुलाई को सूचना मिली थी कि बढ़ेडी कट के पास श्रीलक्ष्मी फूड प्लाजा पर कुछ कांवड़ियों द्वारा एक कार को क्षतिग्रस्त किया जा रहा है. सूचना पाकर उप-निरिक्षक पवन कुमार, अमित ओझा, विनय कुमार और रामप्रकाश पौनिया मौके पर पहुंचे और इसकी जानकारी थाना प्रभारी को दी.
आगे लिखा है, “मौके पर करीब 10-15 कांवड़िए एक कार को क्षतिग्रस्त कर रहे थे. इस दौरान कांवड़ियों ने हरिद्वार से मेरठ जाने वाले हाईवे को अपनी 2-3 मोटरसाइकिलों से ब्लॉक कर दिया. इससे यात्रियों की आवाजाही बंद हो गई. रास्ता बंद होने के चलते एंबुलेंस, महिला, बच्चे, बुजुर्ग और बीमार व्यक्ति जो उपचार के लिए दिल्ली या मेरठ जा रहे थे वे फंस गए. लंबे इंतजार के बाद जब जाम नहीं खुला तो वहां अफरा-तफरी का माहौल हो गया.”
एफआईआर के मुताबिक, कावड़ियों ने पुलिस को बताया कि उनके साथी की कांवड़ इस कार द्वारा करीब दो किलोमीटर पीछे खंडित कर दी गई है. हालांकि, एफआईआर के अनुसार पुलिस पूछताछ में यह बात साबित नहीं हुई.
मामले में पुलिस ने बीएनएस यानी भारतीय न्याय संहिता 115 (2), 126 (2), 270, 285, 190, 191 (2), 324 (5) और आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम 7 के तहत 10 से 15 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.
क्या कहते हैं होटल के मालिक प्रदीप
होटल के मालिक प्रदीप न्यूज़लॉन्ड्री को बताते हैं, “उनके होटल पर 25-30 कांवड़ियों का ग्रुप बैठा था. पीछे से इनके किसी साथी का फोन आया तो इन्होंने यहां जाम लगा दिया. इतने में पीछे से बाइक से आ रहे इनके ग्रुप के कुछ लोगों ने मेरे होटल के सामने एक कार को रोक लिया. अचानक से उसकी गाड़ी में तोड़फोड़ कर दी और उसे भी पीटने लगे. इस बीच चालक बचाव के लिए मेरे होटल में आ गया. हम कुछ करते उससे पहले ही हमें कांवड़ियों के झुंड ने डांटकर दूर रहने को कह दिया. इस दौरान पुलिस आ गई जिस वजह से हम बच गए. वरना हमारे साथ कुछ भी हो सकता था. पुलिस का बहुत सहयोग रहा नहीं तो पता नहीं उस दिन क्या होता हमारे होटल का.”
वे आगे कहते हैं कि कांवड़ियों ने पुलिस को भी नहीं बख्सा. उनके ऊपर भी कुर्सियां फेंक रहे थे. पुलिस से शिकायत करने के सवाल पर वह कहते हैं कि किराए पर लेकर ये होटल चलाते हैं. अगर शिकायत करते तो पुलिस के चक्कर लगाने पड़ते.
पीड़ित कार चालक
वहीं, इस घटना के मुख्य शिकार देहरादून निवासी आकिब हैं. घटना वाले दिन आकिब अपने साले यानि पत्नी के भाई को छोड़ने के लिए देहरादून से मेरठ के लिए निकले थे.
आकिब के मुताबिक, “मैं सुबह चार बजे घर से निकला था और करीब 8 बजे छपार पहुंचा. इस बीच कांवड़ियों ने मुझ पर आरोप लगाया कि मैंने उनकी कांवड़ खंडित कर दी है. यही आरोप लगाते हुए मुझे बेरहमी से पीटा गया.”
वे कहते हैं कि मेरे गाड़ी किसी को छू कर भी नहीं निकली. न ही कोई कांवड़ खंडित हुई. कांवड़ियों की पिटाई से वह गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. उनके सिर, पीठ, व शरीर के कई हिस्सों में गंभीर चोटें आई हैं.
पुलिस ने क्या कहा
इस मामले को लेकर हमने छापर थाने के एसएचओ सुख पाल से बात की. वे कहते हैं, इस पूरी घटना की शिकायत हमारे चौकी इंचार्ज आशुतोष कुमार सिंह ने कराई है.
पाल कहते हैं, “हम मामले की जांच कर रहे हैं. लोगों की पहचान करने की कोशिश हो रही है. कुछ लोगों की पहचान हुई भी है. अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.” वह यह स्पष्ट करते हैं कि जिन्होंने भी यह तोड़फोड़ की है, वह सभी कांवड़िए हैं.
दूसरा मामला- थाना सहारनपुर
23 जुलाई की रात करीब 9:30 बजे सहारनपुर के रहने वाले अमन कुमार (27 वर्ष) और उनके जीजा मोनू (30 वर्ष) कांवड़ियों की हिंसा का शिकार हो गए. आरोप है कि पुलिस की मौजूदगी में उनकी नई मोटरसाइकिल क्षतिग्रस्त कर दी गई. इस हमले में अमन का हाथ टूट गया और सिर में गंभीर चोटें आईं. वहीं, मोनू के सिर, छाती, कंधे और कमर में गंभीर चोटें आई हैं. अमन के मुताबिक, उनके सिर में 18 टांके लगे और और मोनू के सिर में 14 टांके लगे हैं.
अमन कुमार ने बताया कि वह सहारनपुर के हिरनमरान में एक खिलौने की दुकान पर काम करते हैं. 23 जुलाई की रात अपने जीजा मोनू के साथ बाइक पर अपने घर जमालपुर आ रहे थे.
इस दौरान एक कार ने उनकी बाइक को हल्की सी टक्कर मार दी. जिसकी वजह से दोनों बाइक सहित सड़क पर गिर गए. इस दौरान उनकी बाइक एक कांवड़िये को छू गई. जिस पर कावंड़िए नाराज हो गए. कहा गया कि इस घटना से उनकी कांवड़ खंडित यानी अपवित्र हो गई थी.
मोनू आगे बताते हैं, “करीब 12 से 15 लोगों का ग्रुप था. अमन बाइक के नीचे दबा हुआ था. सारे कांवड़िये गाली-गलौज करने लगे और मारपीट शुरू कर दी. वो लोग बहुत नशे में थे. उन्होंने पहले डंडों से पीटा और हाथ में पहने हुए कड़े से मेरे सिर पर तब तक मारते रहे जब तक मेरा सिर फट नहीं गया. मैं किसी तरह अपनी जान बचाकर भागा. फिर उन्होंने अमन को पकड़ लिया.
अमन ने बताया कि उनके साथ भी बुरी तरह मारपीट की गई. इस पूरी घटना की एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल है. जिसमें कांवड़ियों का एक ग्रुप एक मोटरसाइकिल को डंडो से तोड़ते हुए ‘शंकर भगवान की जय’ का नारा लगा रहा है.
इस वीडियो में दो पुलिसकर्मी भी मौके पर मौजूद नजर आ रहे हैं. अमन बताते हैं कि उसने इसी महीने किश्तों पर ये नई बाइक ली थी.
पुलिस की कार्रवाई के बारे में पूछने पर अमन कहते हैं, “पुलिस वहीं मौजूद थी. उसने तब नहीं बचाया तो अब क्या करेगी? आखिर हम गरीबों की कौन सुनता है. अब पुलिस बस खानापूर्ति कर रही है.”
वहीं, इस मामले में सहारनपुर पुलिस ने गागल हेड़ी थाने में यमुनानगर, हरियाणा के रहने वाले सात कांवड़ियों सचिन, विनोद, विंदर, सुखविंदर, जगदीप, भूटा और कर्ण सिंह के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 191 (2) ,191(3), 115(2), 324 (4) और 109 के तहत एफआईआर दर्ज की है.
एसएचओ कुलदीप तोमर ने बताया कि जांच जारी है. हालांकि, अभी किसी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. मौके पर मौजूद दोनों पुलिसकर्मियों के बारे में पूछने पर वे ‘जांच जारी’ होने की बात दोहराते हैं.
सहारनपुर के पुलिस अधीक्षक अभिमन्यु मांगलिक ने कहा, “कांवड़िये हरिद्वार से हरियाणा की ओर जा रह थे. इस दौरान अमन कुमार की बाइक लगने से उनकी कांवड़ खंडित हो गई थी. पुलिस और स्थानीय लोगों ने गुस्साए कावड़ियों को शांत किया और गंगाजल का इंतजाम करके उन्हें रवाना कर दिया.”
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि हंगामा करने वाले युवकों की पहचान कर आगे की कार्रवाई की जा रही है.
तीसरा मामला- हरिद्वार (मंगलौर)
23 जुलाई को हरिद्वार के मंगलौर में भी ऐसी ही घटना देखने को मिली. जिसमें कांवड़ियों ने कांवड़ खंडित होने का आरोप लगाकर एक ई रिक्शा चालक संजय कुमार के साथ बर्बरता की हद पार कर दी और उसके ई रिक्शा को तोड़ दिया.
हरिद्वार पुलिस को दी गई तहरीर के मुताबिक, संजय कुमार दोपहर करीब 3:00 बजे मंगलौर से लिब्बरहेड़ी जा रहे थे. रास्ते में एक कांवड़िया अचानक से उनकी ई-रिक्शा के सामने आ गया. जिससे ई-रिक्शा कांवड़िये से टकरा गई. इसके बाद उसने अपने 10-12 साथियों को बुलाकर अशोक के साथ मारपीट की और ई-रिक्शा में भी तोड़फोड़ की. इस घटना की एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है.
हरिद्वार जिले के मंगलौर थाना में पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 115(2), 191(2), 324(5), 351(2) और 352 के तहत मुकदमा दर्ज किया है.
इस मामले में हरिद्वार पुलिस के एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोभाल ने कांवड़ियों के कांवड़ खंडित होने के आरोप को झूठा बताया. उन्होंने कहा कि “लिब्बरहेड़ी चौराहे के पास ई-रिक्शा की एक भोले (कांवड़िये) से टक्कर हो गई थी, जिसमें कोई कांवड़ खंडित नहीं हुई. इसके बावजूद कांवड़िये ने अपने साथियों के साथ मिलकर ई-रिक्शा चालक के साथ मारपीट की और उसका ई -रिक्शा के साथ भी तोड़ फोड़ की गई. फिलहाल मामला दर्ज कर आरोपियों की पहचान की जा रही है.”
चौथा मामला- थाना, मंसूरपुर मुजफ्फरनगर
24 जुलाई को मुजफ्फरनगर स्थित रिलायंस पेट्रोल पंप पर कुछ कंवड़ियों का उपद्रव देखने को मिला. दरअसल, पंप के कर्मचारी ने एक कांवड़िये को वहां सिगरेट पीने को मना किया. जिससे वह नाराज हो गया. कहासुनी के बाद कई कांवड़ियों ने कर्मचारियों को पीटा और पेट्रोल पंप के अंदर बने कैबिन में घुसकर तोड़फोड़ कर दी.
मामले में दर्ज एफआईआर के मुताबिक, पेट्रोल पंप पर करीब 40-50 अज्ञात कांवड़ियों ने डंडों से हमला कर दिया. यहां मौजूद कर्मचारी मनोज कुमार ऊर्फ शेरू ने कांवड़ियों को सिगरेट पीने के लिए मना किया था. इस पर कावड़ियों ने हमला कर दिया.
इसके बाद सभी कांवड़िए पंप के आफिस में घुस गए, जहां मेन गेट, कंप्यूटर, प्रिंटर और अन्य इलेक्ट्रोनिक सामान तोड़ दिए. इस दौरान मनोज कुमार समेत अन्य पंप पर मौजूद कर्मचारियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा. मनोज के सिर पर गंभीर चोटें आई हैं. सिर में टांके आए हैं. फिलहाल मनोज का बेगराजपुर स्थित मुजफ्फरनगर मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है.
पंप के मैनेजर और मालिक आशुतोष शर्मा की शिकायत के आधार पर पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता के तहत 191(1), 191(2), 115 (2) और 124 (2) के तहत एफआईआर दर्ज की है.
पेट्रोल पंप के मालिक ने क्या कहा
पंप के मैनेजर आशुतोष शर्मा बताते हैं, “एक कांवड़िया सिगरेट पी रहा था. हमारे एक कर्मचारी ने मना कर दिया कि ये ज्वलनशील पदार्थ है, इसलिए यहां ये सब ठीक नहीं है. आप बाहर जाकर पी लीजिए. इस पर वह गुस्सा हो गया और हमारे कर्मचारी को पीट दिया. जब कर्मचारियों ने इसका विरोध किया तो उनके और दोस्त आ गए. फिर तो वहां पर सैकड़ों कांवड़ियों ने उपद्रव मचाना शुरू कर दिया.”
वह आगे कहते हैं, “उन्होंने हमारे दफ्तर का शीशा तोड़ दिया और अंदर घुस गए. दफ्तर के अंदर रखा कंप्यूटर, प्रिंटर, बायोमीट्रिक मशीन, नोट गिनने वाली मशीन, जनरेटर आदि सामान सभी तोड़ दिए.”
पंप मालिक ने बताया कि इस दौरान एक कर्मचारी मनोज कुमार ऊर्फ शेरू के सिर में डंडा मार कर उसका सिर फोड़ दिया. अभी उसका इलाज जारी है.
इस बीच पुलिस आ गई थी लेकिन हुड़दंगी इतने ज्यादा थे कि उन्हें काबू करना मुश्किल हो रहा था.
पुलिस ने क्या कहा
थाना मंसूरपुर एसएचओ आशुतोष कहते हैं कि वे सीसीटीवी फुटेज के आधार पर कार्रवाई कर रहे हैं. कुछ आरोपियों की पहचान गांव मंडोली, दिल्ली के रूप में हुई है. पीड़ित की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है. हालांकि, अभी किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है.
कांवड़ियों के लिए कैसी है पुलिस व्यवस्था
कांवड़ यात्रा को शांतिपूर्वक संपन्न करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. डीजीपी मुख्यालय स्तर से अधिकारियों के नेतृत्व में 213 कंपनी पीएसी, सात कंपनी सीआरपीएफ और तीन कंपनी एसडीआरएफ के अलावा एटीएस कमांडो की भी तैनाती की गई है.
यूपी के डीजीपी (लॉ एंड आर्डर) प्रशांत कुमार ने इस बारे में जानकारी दी थी. उन्होंने बताया था कि वाराणसी, मेरठ, बागपत, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर और शामली में कांवड़ यात्रियों की संख्या काफी ज्यादा होती है, जिसे देखते हुए इस मार्ग पर 13 एसपी, 33 डीएसपी, 75 इंस्पेक्टर, 244 सब इंस्पेक्टर, 1250 कॉन्स्टेबल को ड्यूटी पर लगाया गया है. इसके साथ ही कांवड़ मार्ग पर 1056 हॉटस्पॉट चिन्हित किए गए और 1448 क्विक रिस्पांस टीम भी गठित की गई है.
लेकिन इसके बावजूद कांवड़ मार्ग पर चलने वाले आम लोगों के लिए जोखिम बढ़ता जा रहा है और वह आए दिन हिंसा और उपद्रव का शिकार बन रहे हैं.
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