केंद्र सरकार ने पूजा खेडकर पर कोटा के दुरुपयोग और कदाचार मामले में जांच करने का निर्णय लिया है.
बीते कई दिनों से विवादों में घिरी भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की प्रशिक्षु अधिकारी पूजा खेडकर की मुसीबतें और बढ़ गई हैं. संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने पूजा के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवाया है. साथ ही उसे कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है.
दरअसल, केंद्र सरकार ने पूजा खेडकर पर कोटा के दुरपयोग और कदाचार मामले में जांच करने का निर्णय लिया है. केंद्र के इस फैसले के तहत यूपीएससी ने खेडकर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है. इस एफआईआर में यूपीएससी ने उनकी उम्मीदवारी रद्द करने की मांग की है और उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है. जिसमें पूछा गया कि उन्हें भविष्य में परीक्षा देने की अनुमति क्यों दी जाए?
न्यूज़लॉन्ड्री ने पूजा खेडकर के खिलाफ लगे सारे आरोपों का विस्तृत रूप से विश्लेषण किया है. उनके द्वारा लाल और नीली बत्ती का प्रयोग, दृष्टिबाधित कोटे के नियमों को ताख पर रखते हुए बिना किसी मेडिकल जांच के परीक्षा पास करना/या परीक्षा में शामिल होना, बिना अनुमति के एक सीनियर आईएएस ऑफिसर के चैम्बर को कब्ज़ा कर लेने जैसे कार्य न केवल मीडिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है बल्कि उनकी नियुक्ति के साथ साथ एक ट्रेनी आईएएस ऑफिसर के तौर पर उनके व्यवहार पर भी गंभीर सवाल उठाए हैं.
मालूम हो कि खेडकर 2022 बैच की ऑफिसर हैं. जिन्हें प्रशिक्षण के लिए 3 जून 2024 को पूणे सचिवालय में तैनात किया गया था. इस दौरान उनकी अनुशासनहीनता और अनुचित मांगों के मामले सामने आए. खेडकर के इस व्यवहार को देखते हुए जिलाधिकारी सुहास दिवासे ने अतिरिक्त मुख्य सचिव नितिन गद्रे को 25 पन्नों की एक रिपोर्ट भी भेजी है.
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