रजत शर्मा ने अदालत के समक्ष "ट्रेडमार्क और व्यक्तित्व संबंधी अधिकारों" के उल्लंघन के लिए मुकदमा दायर किया था.
दिल्ली हाईकोर्ट ने राजनीतिक व्यंग्यकार रविंद्र कुमार चौधरी पर "इंडिया टीवी की तरह दिखने वाले लोगो" और “बाप की अदालत” जैसे शब्दों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है. हाईकोर्ट ने इंडिया टीवी के मुख्य संपादक रजत शर्मा की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए ये अंतरिम निर्देश जारी किए.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, रजत शर्मा ने अदालत के समक्ष "ट्रेडमार्क और व्यक्तित्व संबंधी अधिकारों" के उल्लंघन के लिए मुकदमा दायर किया था.
गत 30 मई को जस्टिस अनीश दयाल की एकल बेंच द्वारा जारी इन आदेशों में व्यंग्यकार रविंद्र कुमार चौधरी पर तस्वीरों, वीडियो, रजत शर्मा के नाम, ट्रेडमार्क लोगो, ट्रेडिंग स्टाइल, डोमेन नेम, सोशल मीडिया पोस्ट और ऑडियो-वीडियो कंटेंट के इस्तेमाल पर रोक लगाई है.
साथ ही अदालत ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स और यूट्यूब पर पहले से मौजूद विवादास्पद सामग्री को भी हटाने के आदेश जारी किए हैं. आदेशों में कहा गया है कि चौधरी की सोशल मीडिया पोस्ट्स में ‘झंडिया टीवी’ के लिए 'इंडिया टीवी जैसे दिखने वाले लोगो' और रजत शर्मा द्वारा संचालित 'आप की अदालत' का मखौल उड़ाने के लिए ‘बाप की अदालत’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया है.
रजत शर्मा की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि 'एक स्वयंभू राजनीतिक व्यंग्यकार चौधरी उनके चैनल के समान दिखने वाले लोगो का इस्तेमाल कर लोगों के बीच भ्रम पैदा कर रहा है."
अदालत ने कहा कि रजत शर्मा की दलीलें सुनने के बाद वे अंतरिम आदेश जारी कर रहे हैं. अब इस मामले में अगली सुनवाई 18 अक्टूबर को होगी. साथ ही कोर्ट ने चौधरी को इस मामले में समन भी जारी किए हैं.
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