दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के अधिकतर छात्रों ने भगवाकरण और बढ़ती फीस के लिए केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए.
दिल्ली में आगामी 25 मई को 7 लोकसभा सीटों पर मतदान होना है. बीते कुछ दिनों से यहां की राजनीति में उठापटक जारी है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद उन्हें 1 मई तक अपने चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत पर रिहा किया गया है.
दिल्ली में जहां बीजेपी सभी सात सीटों पर चुनाव लड़ रही है, वहीं इंडिया गठबंधन के तहत आम आदमी पार्टी चार और कांग्रेस तीन सीटों पर चुनाव लड़ रही है. इन सीटों में उत्तर पूर्वी दिल्ली की सीट विशेष मानी जा रही है क्योंकि यहां पर कांग्रेस से कन्हैया कुमार और भाजपा से मनोज तिवारी के बीच मुख्य मुकाबला है. साथ ही नई दिल्ली की सीट भी चर्चा में है क्योंकि यहां से भाजपा ने इस बार मीनाक्षी लेखी की जगह दिवंगत सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज पर दांव लगाया है.
एक और चुनावी शो के तहत न्यूज़लॉन्ड्री की टीम दिल्ली का चुनावी मिजाज समझने के लिए नई दिल्ली के दक्षिणी भाग में स्थित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में पहुंची. यहां हमने दिल्ली विश्वविद्यालय और जेएनयू के छात्रों से उनके लिए जरूरी मुद्दों पर बात की. मालूम हो कि जेएनयू और दिल्ली विश्वविद्यालय की गिनती देश के शीर्ष दस शिक्षा संस्थानों में होती है. लेकिन जेएनयू अपनी पढ़ाई-लिखाई के साथ-साथ कई अन्य वजहों से भी चर्चा में बना रहता है.
छात्र-छात्राओं ने इस दौरान दिल्ली की राजनीति और लोकसभा चुनावों की गहमा-गहमी, केजरीवाल की गिरफ्तारी, शिक्षा के भगवाकरण का प्रयास, महिला सुरक्षा, विपक्ष को खत्म करने की कोशिशों, बेरोजगारी, जेएनयू के मौजूदा हालातों और नई शिक्षा नीति समेत कई अहम मुद्दों पर बेबाकी से अपने विचार रखे.
इस दौरान छात्रों का मानना था कि एबीवीपी और बीजेपी द्वारा शिक्षा संस्थानों का भगवाकरण और राजनीतिकरण करने का पुरजोर प्रयास किया जा रहा है. वहीं, कुछ छात्रों ने यह भी कहा कि मौजूदा सरकार लोकतंत्र एवं विपक्ष को पूरी तरह से खत्म करने का प्रयास कर रही है और उच्च शिक्षा भी महंगी होती जा रही है.
देखिए छात्रों से हुई ये पूरी बातचीत.