खूंटी लोकसभा: बिरसा मुंडा की ज़मीन पर आदिवासियों के दिल में सुलगते सवाल

झारखंड का खूंटी क्रांतिकारी बिरसा मुंडा की जन्मस्थली है लेकिन अब तक सरकार की अनदेखी का शिकार है.

WrittenBy:हृदयेश जोशी
Date:
   

झारखंड का खूंटी क्रांतिकारी बिरसा मुंडा की जन्मस्थली है लेकिन अब तक सरकार की अनदेखी का शिकार है. इसे देश के सबसे पिछड़े आदिवासी इलाकों में गिना जाता है. राज्य में कुल 32 आदिवासी समुदाय रहते हैं जिनमें मुंडा, उरांव, हो और संथाल प्रमुख हैं. यहां की पांच आरक्षित लोकसभा सीटों में खूंटी प्रमुख है. जो राजधानी रांची से लगी हुई है. यहां इस बार प्रमुख मुकाबला केंद्रीय मंत्री और वर्तमान सांसद अर्जुन मुंडा और कांग्रेस के कालीचरण मुंडा के बीच है. 

साल 2017-18 में यहां आदिवासियों ने अपने अधिकारों के लिये उग्र आंदोलन किया. इसे पत्थलगड़ी आंदोलन के नाम से जाना जाता है. इसमें कई आंदोलनकारियों की गिरफ्तारी हुई. पिछले लोकसभा चुनाव में पत्थलगड़ी आंदोलन का व्यापक असर खूंटी के कई मतदान केंद्रों पर दिखा था. हालांकि, राज्य में झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार के गठन के बाद आंदोलनकारियों को रिहा किया गया लेकिन फिर भी उनके खिलाफ मुकदमे चल रहे हैं. 

दूसरी ओर धर्मांतरण इस आदिवासी सीट पर अहम मुद्दा है. जहां संघ परिवार ईसाई बन चुके आदिवासियों को आरक्षण की सूची से हटाने की मांग कर रही है. वहीं, इन आदिवासियों के लिये रोज़गार, बिजली, पानी और शिक्षा जैसे मुद्दे बने हुए हैं. हाल यह है कि कई परिवार पलायन कर गए हैं और यहां अफीम की खेती का चलन बढ़ रहा है. 

इन लोकसभा चुनावों से पहले न्यूज़लॉन्ड्री की टीम ने इस बेहद अहम सीट का दौरा किया और आदिवासियों के दिल को टटोलने की कोशिश की.

देखें यह वीडियो रिपोर्ट.

Also see
article imageलोकसभा चुनाव: सांप्रदायिकता, रोजगार, महिला सुरक्षा या भ्रष्टाचार, क्या हैं कलकत्ता के मुद्दे? 
article imageलोकसभा चुनाव 2024: मायावती और बसपा के सामने 'हाथी सी चुनौतियां'

Comments

We take comments from subscribers only!  Subscribe now to post comments! 
Already a subscriber?  Login


You may also like