आरटीआई के जवाब में सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने बीते दस सालों के विज्ञापनों का ब्यौरा दिया है.
पिछले दस सालों में रेडियो और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की मौज रही. केंद्र सरकार ने पिछले दस सालों में इन माध्यमों को विज्ञापन देने पर कुल 3062.92 करोड़ रुपये खर्च किए. सरकार के सूचना प्रसारण मंत्रालय ने यह जानकारी एक आरटीआई के जवाब में दी है. हालांकि, जानकारी में यह बात नहीं पता चलती कि किस चैनल को कितने रुपये दिए गए.
सूरत के आरटीआई कार्यकर्ता संजीव इझावा ने केंद्र सरकार के सूचना प्रसारण मंत्रालय से यह सूचना मांगी थी. जवाब में बताया गया कि 2014-15 सत्र से नवंबर 2023 तक कुल 3062.92 करोड़ रुपये के विज्ञापन दिए गए. जिसमें से 856.32 करोड़ रेडियो को दिया गया. वहीं, टीवी व अन्य नयू मीडिया को 2206.60 करोड़ के विज्ञापन दिए गए.
इसमें सबसे ज्यादा राशि के विज्ञापन वर्ष 2016-17 में दिए गए. उस साल कुल 607.91 करोड़ के विज्ञापन बांटे गए. जिसमें से रेडियो को 197.96 करोड़ तो वहीं टीवी और अन्य समाचार मीडिया को 409.95 करोड़ दिया गया. वहीं, वर्ष 2018-19 में कुल 555.82 करोड़ के विज्ञापन दिए गए. जिसमें रेडियो को 260.04 करोड़ और टीवी व अन्य समाचार मीडिया को 295.78 करोड़ दिया गया. वहीं, पिछले सत्र में नवंबर 2023 तक कुल 54.16 करोड़ के विज्ञापन ही दिए गए थे.
हालांकि, सूचना में किस चैनल को कितने का विज्ञापन दिया गया, इसकी कोई जानकारी नहीं है. इस जानकारी को पाने के लिए आरटीआई कार्यकर्ता ने प्रथम अपील और उसके बाद केन्द्रीय सूचना आयोग के समक्ष द्वितीय अपील दायर की है.
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