पत्रकार से नेता बने शंभू कुमार के नेशनल दस्तक को मिला यूट्यूब चैनल बंद करने का नोटिस 

शंभू लोकसभा चुनाव में बिहार के वैशाली से एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का दावा कर रहे हैं. 

शंभु कुमार सिंह की एक तस्वीर और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का लोगो.

डिजिटल समाचार मीडिया नेशनल दस्तक को यूट्यूब की ओर से चैनल बंद करने का नोटिस मिला है. नोटिस में केंद्र सरकार के आदेश का हवाला दिया गया है. जिसमें कहा गया है कि आईटी नियमों के तहत आपके चैनल को बंद करना होगा. हालांकि, इसकी क्या वजह है, ये नोटिस में साफ नहीं है. नोटिस में लिखा है कि यह सूचना गुप्त है. इसके लिए चैनल को सरकार से संपर्क करना होगा. जिसके बाद चैनल ने सरकार पर चुनावों में स्वतंत्र आवाजों को दबाने का आरोप लगाया है. 

नेशनल दस्तक का स्वामित्व और संचालन पत्रकार से नेता बने शंभू कुमार सिंह के पास है. शंभू लोकसभा चुनाव में बिहार के वैशाली से एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का दावा कर रहे हैं. 

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नोटिस के बारे में जानकारी देते हुए  नेशनल दस्तक ने ट्वीट कर कहा, “नेशनल दस्तक को बंद करवाना चाहती है सरकार. 3 अप्रैल को यूट्यूब ने नोटिस भेजा था. आर्टिकल 19 को भी नोटिस है. आचार संहिता में ये सब हो रहा है. लाखों अखबार टीवी न्यूज चैनल चल रहे. बहुजनों के नेशनल दस्तक से इतना डर.”

गौरतलब है कि नेशनल दस्तक खुद को ‘ऑनलाइन मीडिया’ और ‘दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों, महिलाओं, किसानों, अल्पसंख्यकों और हाशिए पर रहने वाले लोगों की मजबूत आवाज’ बताता है. इसका एक्स अकाउंट सिंह को ‘समर्थन’ देने और उनके राजनीतिक अभियान को आर्थिक मदद करने के लिए अपील पोस्ट कर रहा है. 

न्यूज़लॉन्ड्री से बात करते हुए सिंह ने कहा, “मुझे इस कार्रवाई का कोई कारण नहीं बताया गया है. अगर मुझे बताया जाता कि ऐसी कार्रवाई क्यों की जा रही है तो शायद मैं इसमें सुधार भी कर देता.”

उन्होंने आगे कहा, “यह उन पत्रकारों की आवाज़ को कुचलने का प्रयास है जो सरकार से सवाल करते हैं और उसकी जवाबदेही तय करते हैं. खासकर नेशनल दस्तक जैसे समाचार पोर्टल, जो सबसे हाशिए पर मौजूद लोगों की आवाज है. ये वो आवाज़ें हैं जिन्हें मुख्यधारा की ख़बरों में जगह नहीं मिलती.”

यूट्यूब द्वारा भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि हटाने का आदेश संशोधित आईटी नियम, 2021 के नियम 15 (2) और आईटी अधिनियम, 2000 की धारा 69 ए के तहत सूचना और प्रसारण मंत्रालय से आया है. 

आम चुनावों का ऐलान हो चुका है. एक बार फिर न्यूज़लॉन्ड्री और द न्यूज़ मिनट के पास उन मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए सेना प्रोजेक्ट्स हैं, जो वास्तव में आपके लिए मायने रखते हैं. यहां क्लिक करके हमारे किसी एक सेना प्रोजेक्ट को चुनें, जिसे समर्थन देना चाहते हैं. 

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