आया राम गया राम भाग 3: तमिलनाडु में 8 पाला बदलने वाले उम्मीदवार, 3 एआईएडीएमके और 1 डीएमके में

2024 लोकसभा चुनावों में पाला बदलने वाले उम्मीदवारों की पड़ताल.

Article image

पहले चरण के लोकसभा चुनावों में कुल 18 लोग पाला बदलने वाले नेता हैं. इनमें एक वर्तमान सांसद और कुछ अक्सर ही पाला बदलने वाले नेता शामिल हैं.

इस शृंखला के पहले भाग में हमने 3 राजस्थान और एक असम से पाला बदल चुके उम्मीदवारों की पड़ताल की. वहीं दूसरे भाग में मेघालय के दो, एक-एक नागालैंड और बिहार के पाला बदले वाले उम्मीदवारों की पड़ताल की.

subscription-appeal-image

Support Independent Media

The media must be free and fair, uninfluenced by corporate or state interests. That's why you, the public, need to pay to keep news free.

Contribute

अब हम तमिलनाडु की ओर चलते हैं जहां कुल आठ उम्मीदवारों ने दल बदले. इस श्रृंखला में हम चार उम्मीदवारों को देखेंगे. इनमें से तीन एआईएडीएमके और एक डीएमके के हैं.

 आइए जानते हैं कि ये दल बदलने वाले उम्मीदवार कौन हैं?

 डॉक्टर पी सर्वानन: 6 बार पाला बदला, एक धोखाधड़ी समेत चार मुकदमे

डॉक्टर पी सर्वानन एआईएडीएमके की टिकट पर मदुरई लोकसभा के उम्मीदवार हैं.

सिलसिलेवार पाला बदलने वाले 54 वर्षीय सर्वानन एक डॉक्टर, उद्यमी और फिल्मों में अभिनेता भी रह चुके हैं. वे मदुरई के सरवन अस्पताल के मालिक हैं. उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत वायको के मरुमलारची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम से की थी.

सर्वानन के खिलाफ चार लंबित मुकदमे हैं. इसमें से एक आपराधिक साजिश का भी है.

लेकिन पिछले दशक में, उन्होंने छह बार नैया बदली. पहले वे एमडीएमके से डीएमके में गए. फिर वहां से भाजपा में गए. फिर वापस डीएमके में आ गए. 2021 में उन्होंने फिर डीएमके छोड़ दी और भाजपा में वापस आ गए. एक साल बाद वहां से पार्टी-विरोधी गतिविधियों के कारण उन्हें निष्कासित कर दिया गया. मरता क्या न करता. वे वापस डीएमके में लौटे. लेकिन पिछले साल जनवरी में फिर से डीएमके छोड़कर एआईएडीएमके में शामिल हो गए.

इस कूदा-फांदी में से कम से कम चार बार उन्होंने विधानसभा चुनावों के ठीक पहले इसलिए दल बदला क्योंकि उन्हें टिकट नहीं दिया गया.  

2021 विधानसभा चुनावों के ठीक पहले डॉक्टर सर्वानन भाजपा में शामिल हुए. शामिल होने के कुछ घंटे बाद ही उन्हें मदुरई उत्तर विधानसभा सीट का उम्मीदवार बना दिया गया.

उनके दाखिल हलफनामे के अनुसार, डॉक्टर सर्वानन पर चार मुकदमे लंबित हैं. इनमें से एक मामले में, आईपीसी की धारा 328 के तहत “अपराध करने या अपराध में सहयोग करने के इरादे से किसी व्यक्ति को जहर या जहरीला पदार्थ देकर क्षति पहुंचाने” का आरोप है. 

एक अन्य मामले में वे “गलत जानकारी, फर्जी कागजात देने, धोखाधड़ी और विश्वास तोड़ने, बहलाने और हानि पहुंचाने के आरोपी हैं. उनपर हृदय रोगियों को एक्सपायर इंस्टेंट लगाने के मामले में भी चार्जशीट दाखिल है.  

इन आरोपों के बावजूद, ये दलबदलू नेता मदुरई की राजनीति में एक महत्वपूर्ण चेहरा हैं. विधानसभा चुनाव लड़ने के अलावा वे एमडीएमके के ग्रामीण इकाई के सचिव तथा भाजपा के जिलाध्यक्ष भी रहे हैं. उन्होंने डीएमके के चिकित्सा विंग के सचिव पद पर भी कार्य किया है.

उनकी संपत्ति कई गुना बढ़कर 2015 में 58 लाख से 2024 में 11.23 करोड़ हो गई. इसमें 4 करोड़ की जमीनें और अन्य अचल संपत्तियां शामिल हैं. वर्तमान में, उनका एक्स अकाउंट का नाम है: “डॉक्टर पी सर्वानन- ड्रग्स और डीएमके को ना कहें”. वहीं उनके प्रोफाइल फोटो में एआईएडीएमके के प्रमुख एडप्पादी पलानीस्वामी की तस्वीर है.

उनके एक्स अकाउंट से सितंबर 2022 में भाजपा से निकले जाने के पहले की सभी पोस्ट हटा दी गई हैं. उसी समय के आसपास की उनकी एक पोस्ट में दिल्ली में आप की जीत की खुशी मनाते हुए उन्होंने बधाई दी थी. साथ ही साथ पोस्ट में, वे एक साल पहले तक जिस भाजपा की तारीफ़ों के पुल बांध रहे थे उसकी मलामत की गई है.

मोहम्मद मुबारक: एसडीपीआई तमिलनाडु प्रमुख लेकिन एआईएडीएमके के उम्मीदवार, 1 मुकदमा

वीएमएस मोहम्मद मुबारक एआईएडीएमके की टिकट पर डिंडीगुल लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार हैं.

44 वर्षीय व्यापारी और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के प्रदेशाध्यक्ष मुबारक लोकसभा चुनाव एआईएडीएमके की टिकट पर लड़ रहे हैं. एसडीपीआई ने पिछले महीने एआईएडीएमके के साथ गठबंधन कर लिया.

आश्चर्यजनक रूप से मुबारक की संपत्ति 2021 में 18 लाख से 2024 में घटकर 17 लाख हो गई.

उनके एक्स अकाउंट की कवर तस्वीर उनके एसडीपीआई से जुड़े होने की तसदीक करती है. वहीं उनकी टाइम लाइन एआईएडीएमके के प्रमुख इ पलानीस्वामी और पूर्व प्रमुख जे जयललिता से भरा पड़ी है, एसडीपीआई का एक्स अकाउंट भी मुबारक की उम्मीदवारी के बारे में ट्वीट और रिपोस्ट कर रहा है.

मुबारक, नेल्लई मुबारक के नाम से लोकप्रिय हैं. वे डिंडीगुल लोकसभा सीट से अच्छी तरह से वाकिफ हैं. उनके दाखिल हलफनामे के अनुसार उनपर जालसाजी का मुकदमा लंबित है.

आश्चर्यजनक रूप से उनकी संपत्ति 2021 में 18 लाख से घटकर 2024 में 17 लाख हो गई.

आर मनोहरन: एमबीए स्नातक, पुराने कांग्रेसी

आर मनोहरन एआईएडीएमके की टिकट पर उत्तरी चेन्नई के उम्मीदवार हैं. 57 वर्षीय मनोहरन एमबीए स्नातक और व्यापारी हैं. वे पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. वे डीएमके के उत्तरी चेन्नई से चुनाव लड़ रहे हैं. डीएमके ने 1957 से इस सीट पर 11 बार जीत दर्ज की है. 1996 से अबतक डीएमके इस सीट पर सिर्फ एक बार 2014 में एआईएडीएमके से हारी है.

मनोहरन पिछले दो दशक से कांग्रेस के साथ थे.

मनोहरन रोयापुरम मानो के नाम से भी जाने जाते हैं. वे पिछले दो दशक से कांग्रेस से जुड़े रहे. उन्होंने जिला कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष का पद भी संभाला है. 2016 के विधानसभा चुनावों में वे चेन्नई की रोयापुरम विधानसभा सीट पर एआईएडीएमके के डी जयकुमार से हार गए थे.

अपने कांग्रेस के दिनों में सोशल मीडिया पर मानो कभी किसी कांग्रेस के कद्दावर और शीर्ष नेता का जन्मदिन या पुण्यतिथि नहीं भूले. उन्होंने 2019 में इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट की और नेहरू के जन्मदिवस पर रोयापुरम में कार्यक्रम का आयोजन किया था. 

कांग्रेस ने मानो को 2019 में निकाल दिया. कथित रूप से उन्होंने कई दलों में शामिल होने की मंशा जताई. जिसमें पीएमके और डीएमके भी थे, पर उन्हें किसी ने नहीं लिया. अंत में 2019 में वे एआईएडीएमके में शामिल हो गए.

चुनावी अभियान में उन्होंने रोयापुरम की अविकसित स्थिति के लिए डीएमके की आलोचना की. उन्होंने एआईएडीएमके के शासन में रोयापुरम के विकास का वादा किया.

2024 में उनकी संपत्ति 52.42 करोड़ है. इनमें से मुख्यतः उनकी अचल संपत्ति का वर्तमान मूल्य है. उनपर चार करोड़ का लोन भी है.

थंगा तमिल सेल्वन: 14 मुकदमे, कभी टीटीवी के रहे सहयोगी

थंगा तमिल सेल्वन थेनी लोकसभा क्षेत्र से डीएमके के उम्मीदवार हैं.

63 वर्षीय तमिल सेल्वन पहले एआईएडीएमके और एएमएमके में रह चुके हैं. वे कई बार दल बदल चुके हैं. 2001 से 2017 तक वे अंडीपट्टी विधानसभा सीट से 3 बार एआईएडीएमके के टिकट पर चुनाव लड़े और जीते. 2002 में एआईएडीएमके ने उन्हे राज्यसभा भी भेजा था.

2019 आते-आते, दिनकरन और तमिल सेल्वन एक दूसरे से भिड़ते और मीडिया के माध्यम से एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी करते दिखे.

लेकिन 2017 में, तमिल सेल्वन पार्टी के अंदर टीटीवी दिनकरन के खेमे में थे. जयललिता की सहयोगी शशिकला के भतीजे दिनकरन को 2017 में पार्टी से निकाल दिया गया था. तमिल सेल्वन भी दिनकरन के साथ गए और दिनकरन की बनाई पार्टी अम्मा मक्कल मुनेत्र कड़गम का हिस्सा बने. तमिल सेल्वन पार्टी में प्रोपेगेंडा सचिव बनाए गए. 

2019 आते-आते, दिनकरन और तमिल सेल्वन एक -दूसरे से भिड़ते और मीडिया के माध्यम से एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी करते देखे गए. इसी दौरान, तमिल सेल्वन थेनी सीट से चुनाव लड़े. लेकिन एआईएडीएमके के उम्मीदवार पी रवीन्द्रनाथ से उन्हें हार का सामना करना पड़ा.

दिलचस्प बात ये है कि तमिल सेल्वन इस साल लोकसभा चुनाव दिनकरन के खिलाफ थेनी से लड़ेंगे.

2019 में ये अफवाह उड़ी थी कि तमिल सेल्वन एआईएडीएमके वापस लौटेंगे लेकिन उन्होंने उसी साल जून में डीएमके का हाथ थाम लिया. उस साल डीएमके ने तमिलनाडु के 38 में से 37 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की. तमिल सेल्वन ने कहा कि वे डीएमके में इसलिए आए क्योंकि उन्होंने इसके मुखिया एमके स्टालिन के बेहतरीन नेतृत्व को “स्वीकार” कर लिया था. सेल्वन के खिलाफ 14 मुकदमे लंबित हैं. 2024 में उनकी कुल संपत्ति 4.90 करोड़ रुपए है.

इस खब़र को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.

Also see
article imageआया राम, गया राम: पहले चरण के चुनाव में 18 उम्मीदवार, आधे एनडीए में शामिल हुए
article imageआया राम, गया राम भाग-2 : राजद उम्मीदवार पर 16 मुकदमे, एक डॉक्टर, कांग्रेसी परिवार की पूर्व-प्रोफेसर
subscription-appeal-image

Power NL-TNM Election Fund

General elections are around the corner, and Newslaundry and The News Minute have ambitious plans together to focus on the issues that really matter to the voter. From political funding to battleground states, media coverage to 10 years of Modi, choose a project you would like to support and power our journalism.

Ground reportage is central to public interest journalism. Only readers like you can make it possible. Will you?

Support now

Comments

We take comments from subscribers only!  Subscribe now to post comments! 
Already a subscriber?  Login


You may also like