वीडियो में देखा जा सकता है कि सुरक्षाकर्मी उन्हें साथ ले जा रहे हैं.
बंगाल के 24 परगना में आने वाला संदेशखाली पिछले कुछ समय से राजनीतिक गहमागहमी और प्रदर्शनों का गढ़ बना हुआ है.
प्रदर्शनकारियों में वो महिलाएं प्रमुख रूप से शामिल हैं, जिन्होंने स्थानीय टीएमसी ‘बाहुबली’ नेता शेख शाहजहां और उनके करीबियों पर सामूहिक यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है. मामला सामने आने के बाद से भाजपा, राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर अपनी पार्टी के नेताओं के गुनाहों को छुपाने का आरोप लगा रही है.
वहीं दूसरी तरफ सत्ताधारी टीएमसी विपक्षी भाजपा के आरोपों को गलत बता रही है और साथ ही आदिवासियों को मुसलामानों के खिलाफ भड़काने का प्रयास बता रही है. वहीं, इस बीच आज रिपब्लिक बांग्ला के एक रिपोर्टर संतु पाल को गिरफ्तार कर लिया गया. वे संदेशखाली से मामले की रिपोर्टिंग कर रहे थे.
एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें सुरक्षाकर्मियों को उन्हें ले जाते हुए देखा जा सकता है. इस दौरान रिपोर्टर कह रहे हैं कि उन्हें ‘सच बोलने के लिए’ गिरफ्तार किया जा रहा है. वीडियो में दिख रहा है कि सुरक्षाकर्मी उन्हें एक रिक्शा में बैठा के लेकर जा रही है.
मालूम हो कि संदेशखाली को लेकर रिपब्लिक बंगला अपने एक्स हैंडल से लगातार जानकारी ट्वीट कर रहा था. चैनल ने लिखा कि उनके रिपोर्टर को ‘सच दिखाने के लिए ग़ैर कानूनी रूप से गिरफ्तार किया गया है.’
वहीं, एडिटर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया ने इस मामले पर चिंता जताई और कहा कि काम के दौरान रिपोर्टर को गिरफ्तार करना और साथ लेकर जाना ‘चिंताजनक’ है.
वहीं, कलकत्ता प्रेस क्लब ने कहा कि वे रिपोर्टर की रिहाई की मांग करते हैं. क्लब ने कहा कि रिपोर्टर पर लगे आरोप जांच का विषय हैं लेकिन काम के दौरान उनकी गिरफ्तारी के वे सख्त खिलाफ हैं.
इस घटना पर चैनल को भाजपा का समर्थन भी मिला. आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स पर पोस्ट करके इसे “मीडिया पर हमला” बताया.
संदेशखाली मामला पहली बार तब सुर्ख़ियों में आया था जब प्रवर्तन निदेशायलय के अफसरों पर कथित टीएमसी के समर्थकों ने 5 जनवरी को हमला किया था. उसके बाद शेख शाहजहां फ़रार हो गए थे और टीएमसी के खिलाफ प्रदर्शन बढ़ गए थे.
वहीं, इस बीच जारी एक बयान में ममता बनर्जी ने कहा, “कोई गलत कृत्य बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, 17 गिरफ्तारियां की जा चुकी हैं.” उन्होंने इलाके की अशांति के लिए आरएसएस को जिम्मेदार ठहराया.
वहीं, बंगाल पुलिस मीडिया पर ‘जानबूझकर भ्रमित करने वाली जानकारी’ फैलाने का आरोप लगा रही है. गत 14 फरवरी को पुलिस ने कहा था कि उनके पास महिलाओं के बलात्कार की कोई शिकायत नहीं आई. हालांकि इसके 5 दिन बाद राष्ट्रीय महिला आयोग की चेयरपर्सन रेखा शर्मा ने कहा कि उन्हें अपने दौरे के दौरान संदेशखाली की महिलाओं से 18 शिकायतें प्राप्त हुईं.
शर्मा ने प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से ‘महिलाओं पर अत्याचार रोकने में असफल’ रहने के कारण इस्तीफे की मांग की.